Chhath Puja: छठ पूजा को लेकर तैयारी में जुटा रांची जिला प्रशासन, नदियों का जलस्तर बढ़ने से नगर निगम की बड़ी चुनौती
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Chhath Puja: छठ पूजा को लेकर तैयारी में जुटा रांची जिला प्रशासन, नदियों का जलस्तर बढ़ने से नगर निगम की बड़ी चुनौती

Chhath Puja: लोक आस्था के महापर्व की शुरुआत होने जा रही है. इसको लेकर राजधानी रांची में युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है. जहां एक तरफ जिला प्रशासन और रांची नगर निगम पूरी तरह से छठ पूजा को लेकर तैयारी में जुड़ गया है.

Chhath Puja: छठ पूजा को लेकर तैयारी में जुटा रांची जिला प्रशासन, नदियों का जलस्तर बढ़ने से नगर निगम की बड़ी चुनौती

रांचीः Chhath Puja: लोक आस्था के महापर्व की शुरुआत होने जा रही है. इसको लेकर राजधानी रांची में युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है. जहां एक तरफ जिला प्रशासन और रांची नगर निगम पूरी तरह से छठ पूजा को लेकर तैयारी में जुड़ गया है. रांची के तमाम घाटों के सफाई युद्ध स्तर पर की जा रही है तो वहीं रांची में लगातार बारिश होने से शहर के सभी तालाब डैम और नदियों का पानी जलस्तर बढ़ा हुआ है. 

नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती
नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती बन रही है, इस बार साफ सफाई के साथ डैम तालाब और नदियों में बढ़ा हुआ पानी लोगों को सुरक्षा पर विशेष नजर रहेगी. 4 साल के तमाम छठ घाटों की सफाई हो रही है तो वहीं तालाब डैम और नदियों का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है जो डेंजर जोन बना हुआ है. नगर निगम ने दावा किया है कि छठ घाटों में सफाई के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.

बज रही है खतरे की घंटी 
आम लोगों का भी कहना है कि छठ पूजा के दौरान छठ व्रत के साथ बड़ी संख्या में लोग भी नदी और तालाब डैम में पानी के अंदर जाते हैं और इस बार काफी पानी भरा हुआ है.  जिसके वजह से खतरे की घंटी बज रही है. लोगों को भी जागरूक रहना होगा कि गहरे पानी में अंदर ना जाए. साथ ही साथ जिला प्रशासन को भी तमाम छठ घाटों में बैरिकेडिंग और एनडीआरएफ की टीम के साथ माइनिंग के जरिए लोगों को जागरूक करना चाहिए. जिसे कोई बड़ी घटना ना हो सके. 

छठ पूजा को लेकर विशेष तैयारी
वहीं दूसरी तरफ रांची विधायक सीपी सिंह ने छठ पूजा को देखते हुए नगर निगम और जिला प्रशासन से अपील की है कि लोक आस्था के महापर्व में श्रद्धालुओं को किसी तरह कोई परेशानी ना हो, उस को लेकर विशेष तैयारी की जाए. सफाई के साथ-साथ जो जलाशय बड़ा है उसको लेकर बैरिकेडिंग और उन बड़े घाटों में नाव की व्यवस्था की जाए, जिसे नदी में कोई भी घटना हो तो तत्काल नाव के सहारे उन लोगों को पानी से निकाला जा सके.
(इनपुट- आशीष कुमार तिवारी)

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