What is state mouring: किसी विशिष्ट व्यक्ति के निधन पर सरकारें राजकीय शोक का ऐलान करती हैं. राजकीय शोक के ऐलान के साथ ही सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रध्वज आधा झुका दिया जाता है. इसका एक अपना प्रतीकात्मक महत्व है.
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Ratan Tata Passes Away: देश के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata Demise) का 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार को निधन हो गया. देश के औद्योगिक विकास में रतन टाटा (Ratan Tata Death) का अमूल्य योगदान है. देश ही नहीं विदेशों में भी रतन टाटा को बहुत सम्मान मिलता रहा है. रतन टाटा के निधन पर झारखंड सहित कई राज्यों ने राजकीय शोक (State Mouring) की घोषणा की है. आइए, जानते हैं क्या होता है राजकीय शोक और क्या होता है इसका मतलब?
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झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार ने रतन टाटा के निधन पर राजकीय शोक का ऐलान किया है. इस कारण सभी सरकारी कार्यालयों पर लगे राष्ट्र ध्वज आधे झुके रहेंगे. पहले राजकीय शोक का ऐलान केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति की ओर से किया जाता था, लेकिन बाद में नियमों में बदलाव कर यह अधिकार राज्यों को दे दिए गए थे. अब प्रदेश सरकार राजकीय शोक की घोषणा कर सकती है.
जैसा कि पहले बताया गया कि राजकीय शोक की घोषणा होने के साथ ही सरकारी कार्यालयों में राष्ट्र ध्वज आधा झुका हुआ होता है. राज्य में सरकारी स्तर पर किसी भी तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता. इस दिन सार्वजनिक अवकाश हो, ऐसा जरूरी नहीं है. राजकीय शोक का मतलब किसी व्यक्ति विशेष के बारे में लोगों को उनका महत्व समझाना और समूह में इकट्ठा होकर श्रद्धासुमन अर्पित करना होता है.
झारखंड के अलावा देश की औद्योगिक राजधानी महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार ने भी रतन टाटा के निधन पर राजकीय शोक का ऐलान किया है. एकनाथ शिंदे का कहना है कि भारत के कोहिनूर रतन टाटा नहीं रहे और वो हमसे बिछड़ गए. यह बहुत दुखद है. वो महाराष्ट्र और देश के अभिमान थे. मैं महाराष्ट्र सरकार और यहां की जनता की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.
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दूसरी ओर, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने रतन टाटा के निधन पर कहा, झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को विश्व पटल पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन एवं पद्म विभूषण रतन टाटा के देहावसान पर एकदिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की जाती है.