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Astro Tips: ज्योतिष के हिसाब से कुंडली में 12 भाव और इन्हीं 12 भावों या घरों में नौ ग्रह स्थित होते हैं. ऐसे में कुडली में स्थित ग्रहों में से कोई ना कोई ग्रह या तो शुभ फल दे रहे होते हैं या फिर अशुभ फल. ग्रहों के शुभ और अशुभ फलों की वजह से ही जातक के जीवन में या तो खुशियां और समृद्धि आती है या फिर दुःख और दरिद्रता बढ़ती है. ऐसे में आप बिना कुंडली को देखें हीं अपने जीवन में घट रही घटनाओं को देखकर पता लगा सकते हैं कि आपको कौन सा ग्रह शुभ फल दे रहा है और कौन सा ग्रह अशुभ फल दे रहा है.
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सूर्य को ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का राज बताया गया है. यह जातक के मान-सम्मान में वृद्धि करता है. यह उच्च पद दिलाने वाला ग्रह है. ऐसे जातक राजसी स्वभाव के होते हैं. सूर्य का कमजोर होना कार्यक्षेत्र में असफलता देता है. आंखों से जुड़ी समस्या इसके वजह से होती है. साथ ही हृदय और नसों से जुड़ी समस्या का कारण भी सूर्य हैं. ऐसे में रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा उपासना के साथ ही आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए और साथ ही अपने पिता की सेवा करनी चाहिए.
चंद्रमा को मन का कारक ग्रह बताया गया है. इसका सीधा संबंध मां के साथ है. यह अशुभ प्रभाव दे तो मन को बुरे ख्यालों से भर देता है. मित्र धोखेबाज निकलते हैं. सांस से संबंधित बीमारियां हो जाती है. ऐसे में पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा, मां की सेवा और भगवान शिव के शिवलिंग की नियमित पूजा चंद्रमा के दोष को दूर कर देता है.
ग्रहों का सेनापति मंगल को कहा गया है. यह ऊर्जा, साहस और भूमि के साथ क्रोध का भी कारक माना गया है. जिनकी कुंडली में यह शुभ हो उसे साहसी बना देता है. ऐसे में अशुभ मंगल जातक को भयाक्रांत कर देता है. रक्त से जुड़ी बीमारियां देता है. दुर्घटना बार-बार होती है. शादीशुदा जिंदगी भी तबाह हो जाती है. ऐसे में हनुमान जी की पूजा और रक्तदान करना इसका विशेष उपाय है.
ग्रहों का राजकुमार बुध को बताया गया है. यह बुद्धि का कारक है. त्वचा संबंधी सारी समस्याएं इसी का अशुभ प्रभाव दर्शाती हैं. यादाश्त की कमजोरी भी इसी की वजह से होता है. ऐसे में गणपति की पूजा और हरी चीजों का दान इसका विशेष उपाय है.
गुरु ग्रह को देवताओं का भी गुरु बताया गया है. यह दांपत्य जीवन को अच्छा करता है लेकिन इसके अशुभ प्रभाव से यह बर्बाद भी हो जाता है. प्रशासनिक पद या कहें कि अच्छा मैनेजर बनाने के लिए गुरु ग्रह का शउब होना जरूरी है. यह पेट से जुड़ी समस्याएं देता है. विवाह में परेशानी पैदा करता है. ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा इसका उपाय है. पीली चीजों का दान करना चाहिए.
शुक्र ग्रह को विलासिता का कारक बताया गया है. इसका कमजोर होना लोगों को चरित्रहीन बनाता है साथ ही यह शुगर की बीमारी देता है. ऐसे में लक्ष्मी जी की पूजा करना चाहिए. महिलाओं का सम्मान इस ग्रह को बेहतर बनाएगा. सफेद चीजों का दान और मछलियों को चारा खिलाना इसके अशुभ प्रभावों से मुक्ति दिलाएगा.
शनि ग्रह को न्याय का देवता बताया गया है. यह कुंडली के सबसे क्रूर ग्रह में गिना जाता है. यह एक साथ कई परेशानियों को लेकर आता है. स्वास्थ्य, मन और धन तीनों की हानि इसकी वजह से होती है. कोर्ट कचहरी के चक्कर खूब लगाने पड़ते हैं. ऐसे में शनिदेव की पूजा करें. कठिन परिश्रम करने की आदत डालें, काली चीजों का दान करें, गाय की सेवा करें, कुत्तों को खाना खिलाएं और साथ ही शिव की पूजा करें.
कुंडली के पाप ग्रह में से एक राहु को छाया ग्रह भी कहा गया है. यह राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है. यह आपको किसी गलत कार्य में फंसा सकता है, रोगी बना सकता है, धन हानि करा सकता है. नशे का आदी भी बना सकता है. ऐसे में भगवान शिव की पूजा करें. साफ-सफाई के साथ चीजों के सही जगह पर रखने की आदत डालें.
केतू ग्रह भी पाप ग्रह है और यह जिस ग्रह के साथ होता है उसी के अनुसार फल देने लगता है. यह खराब हो जाए तो परिवार का त्याग करा देता है. करियर में परेशानी आती है. धन की समस्या बनी रहती है. गणपति की पूजा करने से आप इससे बच सकते हैं. धार्मिक यात्राएं करने से केतु की स्थिति बेहतर होती है.