Margashirsha Pradosh Vrat Kab Hai: प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. इस दिन साधक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए पूरे विधि-विधान से भगवान शिव-पार्वती की पूजा करते हैं.
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Margashirsha Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं एक कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि को. 28 नवंबर 2023 से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो गई है. ऐसे में आइए जानते मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा?
कब रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत?
पंचांग के अनुसार बता दें कि मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि का प्रारंभ 10 दिसंबर 2023 को सुबह 07:13 बजे से हो रहा है और इसका समापन अगले दिन यानी 11 दिसंबर 2023 को सुबह 07:10 बजे होगा. इस दिन प्रदोष काल में भोलेनाथ की पूजा का विधान है. ऐसे में मार्गशीर्ष महीने का पहला प्रदोष व्रत 10 दिसंबर 2023, रविवार को रखा जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त
सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में देवों के देव महादेव की विशेष पूजा की जाती है. 10 दिसंबर 2023 को पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05:25 बजे से रात 08:08 बजे तक का है. इस समय अंतराल में आप भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से साधक पर हमेशा भोलेनाथ की कृपा दृष्टि बनी रहती है. साथ ही भोलेनाथ साधक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन दान-पुण्य करना भी काफी लाभकारी होता है.
पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान आदि करें. फिर भोलेनाथ को स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद सूर्यास्त से करीब एक घंटे पहले दोबारा स्नान करें. अब पूरे विधि-विधान से माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें. अगले दिन स्नान आदि करके पूजा-पाठ करें और फिर व्रत का पारण करें.
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