'लालू' बनेंगे बिहार के 'मुलायम', RJD में उठी तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग
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'लालू' बनेंगे बिहार के 'मुलायम', RJD में उठी तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग

बिहार की सियासत के बेताज बादशाह रहे लालू प्रसाद यादव को आज उन्हीं की पार्टी में हाशिये पर ले जाने की तैयारी चल रही है.

आरजेडी के सीनियर विधायक भाई वीरेन्द्र ने तेजस्वी यादव को पार्टी को लीड करने के लिए निमंत्रण दिया है.

पटना: लालू प्रसाद यादव अपनी जिंदगी के सबसे बुरे वक्त से गुजर रहे हैं. एक ओर चारा घोटाला में उन्हें जेल की सजा काटनी पड़ रही है. वहीं, दूसरी तरफ अब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है. पार्टी के विधायकों ने उन्हीं के खिलाफ विद्रोह खड़ा कर दिया है. पार्टी के विधायकों ने तेजस्वी यादव को पार्टी की बागडोर देने की सिफारिश करते हुए तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने की मांग कर डाली है. 

बिहार की सियासत के बेताज बादशाह रहे लालू प्रसाद यादव को आज उन्हीं की पार्टी में हाशिये पर ले जाने की तैयारी चल रही है. दरअसल, आगामी 12 दिसंबर को आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है. लेकिन, संगठन के इस चुनाव से पहले ही आरजेडी के विधायकों ने तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग कर डाली है.

आरजेडी के सीनियर विधायक भाई वीरेन्द्र ने तेजस्वी यादव को पार्टी को लीड करने के लिए निमंत्रण दिया है. भाई वीरेन्द्र ने कहा है कि तेजस्वी यादव को पार्टी को लीड करना चाहिए. हम तेजस्वी यादव के साथ हैं और बिहार की जनता भी उनके साथ है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व में हम सब आगे बढने के लिए तैयार हैं. तेजस्वी बिहार के सीएम बनेंगे.

 

वहीं, पार्टी के विधायक कुमार सर्वजीत ने भी तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान सौंपने की मांग की है. कुमार सर्वजीत ने कहा है कि तेजस्वी युवा हैं और राज्य से लेकर राष्ट्र स्तर पर युवाओं का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. तेजस्वी में युवाओं का काफी भरोसा है. तेजस्वी यादव को अगर पार्टी की कमान सौंपी जाती है तो, बिहार के युवाओं में तेजस्वी के लिए उत्साह बढ़ेगा. तेजस्वी काफी सुलझे हुए नेता हैं और उनमें नेतृत्व की अपार क्षमता है.

गौरतलब है कि लालू परिवार मे इन दिनों सत्ता के शीर्ष नेतृत्व को लेकर संघर्ष चरम पर है. चर्चा इस बात की है कि तेजस्वी पार्टी में तेजप्रताप और मीसा भारती के हस्तक्षेप से परेशान हैं. तेजस्वी दोनों को पार्टी की मुख्यधारा से अलग करना चाहते हैं. साथ ही तेजस्वी अब पार्टी को अपने मुताबिक चलाना चाहते हैं. इसलिए उन्होनें राजनीति में सक्रियता को लेकर अपनी शर्तों से परिवार के अभिभावक को अवगत करा दिया है. यही वजह है कि परिवार में अपने फैसले को लेकर दवाब बनाने के लिए तेजस्वी ने पार्टी के सदस्यता अभियान की तीन मीटिंगों का बहिष्कार तक कर दिया.

तेजस्वी को लेकर आरजेडी के विधायकों की राय उस वक्त आयी जब कुछ दिन पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने संगठन चुनाव से पहले ही लालू प्रसाद के फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की घोषणा कर दी थी. शिवानंद के बाद तेजप्रताप यादव ने भी लालू प्रसाद यादव के ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की बात कही थी. ऐसे में आरजेडी विधायकों के बदले हुए सुर लालू प्रसाद के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. जो हालात बन रहे हैं, उसमें ये कहने में कोई गुरेज नहीं कि लालू प्रसाद भी अब यूपी के मुलायम सिंह यादव की राह पर हैं और तेजस्वी अखिलेश यादव बनने की राह पर.