BPSC शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े के गहरे हैं राज! 8 और फर्जी बहाली के मामले आए सामने
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BPSC शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े के गहरे हैं राज! 8 और फर्जी बहाली के मामले आए सामने

BPSC Teacher Fraud Case: बीपीएससी शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. मिली जानकारी के विभूतिपुर में 8 और शिक्षकों को फर्जी तरीके ज्वाइन कराया गया है.

बीपीएससी शिक्षक भर्ती

समस्तीपुर: समस्तीपुर में हुए बीपीएससी शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा मामले में जी मीडिया जैसे जैसे जांच का दायरा बढ़ा रहा है. वैसे वैसे इस मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. इस मामले में नई जानकारी की मानें तो फर्जी शिक्षिका रंजना कुमारी के अलावा विभूतिपुर के अलग-अलग विद्यालयों में 8 शिक्षकों को फर्जी तरीके से ज्वाइन करवा दिया गया है. इतना ही नहीं स्कूल के प्रिंसिपल के फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए गलत रौल नम्बर डाल कर एब्सेंटी भी भेज दिया. अब ऐसे में ये सवाल उठने लगा है कि इस फर्जीवड़े में शिक्षा विभाग की मिली भगत के साथ साथ माफियाओं की संलिप्ता है.

सूत्रों की मानें तो बीपीएससी शिक्षक बहाली में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर एक शिकायतकर्ता के द्वारा प्रखंड से जिला तक के अधिकारियों को चयनित और फर्जी तरीके से बहाल शिक्षकों की सूची भेजकर कार्रवाई का आग्रह किया था. लेकिन उसके पत्र पर किसी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की. पत्र भेजने वाले ने विभूतिपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णदेव महतो पर फर्जी शिक्षकों को गलत तरीके से योगदान कराने में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप लगाया था. पत्र में कहा गया था कि फर्जी लोगों का योगदान लेने के लिए बीईओ ने स्कूलों के एचएम पर भारी दवाब डाला था. शिकायतकर्ता ने पत्र में बीपीएससी से चयनित और फर्जी तरीके से बहाल हुए शिक्षकों की विद्यालयवार सूची भी उपलब्ध कराई थी.

जिसमें कहा गया था कि प्राथमिक विद्यालय आलमपुर कोदरिया में पशुपति नाथ, गीतांजलि कुमारी, गुलप्सा परवीन का नाम चयन सूची में दर्ज था. लेकिन स्कूल में इन लोगों के अलावा ममता कुमारी को फर्जी तरीके से योगदान कराया गया. इसी तरह प्राथमिक विद्यालय नवटोलिया में चयनित सीमा कुमारी, आरती कुमारी और राजन कुमार का नाम था. जहां सुघांशु कुमार और शिल्पी कुमारी को फर्जी तरीके से योगदान करा दिया गया. मध्य विद्यालय समर्था में चयनित अनिल कुमार जायसवाल का नाम था. अनिल के साथ-साथ अमरजीत कुमार को भी फर्जी तरीके से योगदान करा दिया गया. इसी तरह प्राथमिक विद्यालय संगराहा खैराज में चयनित कोमल कुमारी, संजय कुमार, शशि कुमार सुमन, द्विवेश कुमार का चयन किया गया था. यहां भी अभिषेक कुमार साहा को फर्जी तरीके से ज्वाइन करा दिया गया.

वहीं प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर विशनपुर सिसबन्नी में चयनित प्रिया पटेल, पल्लवी यादव और जितेन्द्र कुमार का नाम था. यहां भी चयनित शिक्षकों के साथ साथ फर्जी तरीके से इंदू कुमारी का योगदान करा दिया गया गया. इतना ही नहीं इन सभी का प्राण नंबर तक जारी कर दिया गया. इन सभी के अलावे शिकायतकर्ता ने चालीस अन्य लोगों को भी फर्जी तरीके से योगदान कराये जाने का आरोप लगाया था.

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वहीं खबर दिखाए जाने के बाद हरकत में आई शिक्षा विभाग ने इस फर्जीवाड़े को लेकर विभूतिपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्राथमिक विद्यालय धोबी टोल के पूर्व प्रधानाध्यापिका गायत्री देवी और वर्तमान प्रधानाध्यापक राजेश कुमार को तलब किया. इन तीनों से सुनवाई के बाद डीपीओ स्थापना सत्यम कुमार ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णदेव महतो को फर्जी शिक्षिका रंजना कुमारी पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. लेकिन इस फर्जीवाड़े में किंग पिन की भूमिका अदा कर रहे बीईओ पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की.

इनपुट- संजीव नैपुरी

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