महागठबंधन की मीटिंग के बाद नेता भले ही मुस्कुराते हुए सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हों, लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर सबकुछ ठीक नहीं है.
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पटना : महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला उलझता जा रहा है. बुधवार को दिल्ली में हुई बैठक में आम सहमति नहीं बन पायी. कांग्रेस सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह दी है. इसके अलावा जीतन राम मांझी को एक सीट दिए जाने की चर्चा है. वहीं, मुकेश सहनी के दरभंगा सीट पर चुनाव लड़ने की डिमांड को भी खारिज कर दिया है.
महागठबंधन की मीटिंग के बाद नेता भले ही मुस्कुराते हुए सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हों, लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. लालू कांग्रेस पर सीटों के मसले पर कुर्बानी देने का दवाब बना रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि वो 13 सीटों से कम पर नहीं मानेंगे. कल की मीटिंग के बाद आरजेडी, कांग्रेस को 11 सीट देने के लिए तैयार हो गयी थी. कांग्रेस पिछली बार की तुलना में एक सीट अधिक मांग रही है.
जीतन राम मांझी के लिए भी सीट शेयरिंग को लेकर उलझनें खत्म नहीं हुई हैं. एक सीट दिये जाने की चर्चा है, लेकिन वह दो की मांग कर रहे हैं. एक पर खुद और दूसरी जमुई से अपनी बेटी को चुनाव लड़वाना चाहते हैं. मांझी को संकट का सामना खुद की डिमांड के कारण करना पड़ रहा है. उन्होंने शुरू में आरजेडी के बाद सबसे ज्यादा सीट मांग ली थी. उसके बाद कांग्रेस से भी ज्यादा और अंत में उपेन्द्र कुशवाहा से अधिक सीटों पर दावा ठोक दिया था. इसको लेकर आरजेडी और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व उनसे खासे नाराज थे. उन्हें मनाने के लिए गुरुवार को भी महागठबंधन के नेता आपस में बातचीत कर सकते हैं.
महागठबंधन में शामिल हुई शरद यादव की पार्टी एलजेडी को सिर्फ एक सीट मिलेगी. जिसपर शरद यादव चुनाव लडेंगे. एलजेडी के दूसरे नेता उदय नारायण चौधरी को आरजेडी में शामिल होकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है. वहीं, एलजेडी नेता अर्जुन राय को निराशा हाथ लगेगी. वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी को एक सीट मिलेगी. लेकिन सहनी दरभंगा की बजाय मुजफ्फरपुर से चुनाव लडेंगे. सहनी के दरभंगा से चुनाव लड़ने के दावे को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है.
वहीं, महागठबंधन में लेफ्ट पार्टी को भी एडजस्ट करने की तैयारी चल रही है. उन्हें दो सीट देने पर विचार किया जा रहा है. आरजेडी चाहती है कि कांग्रेस कुछ सीटों की कुर्बानी देकर लेफ्ट के लिए महागठबंधन की राह को आसान बनाए. हलांकि ये तभी संभव हो पाएगा जब राहुल गांधी सीट शेयरिंग के मसले पर अपनी अंतिम मुहर लगाएंगे.