पहले एनडीए के दो फॉर्मूले की चर्चा हो रही थी. पहला फॉर्मूला, जिसमें दावा किया जा रहा था कि बीजेपी 20 सीट, जेडीयू 12 सीट और एलजेपी 5 सीटों और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
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पटना: जबसे बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुगबुगाहट शुरू हुई है तभी से सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा था कि एनडीए कैसे सीटों का बंटवारा करेगी. पहले एनडीए के दो फॉर्मूले की चर्चा हो रही थी. पहला फॉर्मूला, जिसमें दावा किया जा रहा था कि बीजेपी 20 सीट, जेडीयू 12 सीट और एलजेपी 5 सीटों और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
वहीं, दूसरा फॉर्मूला भी सामने आया था जिसमें कहा गया कि बीजेपी 17, जेडीयू 15, एलजेपी 5 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी 3 सीट पर लड़ेगी. हालांकि अमित शाह और नीतीश कुमार ने सामने आकर जब घोषणा की और कहा कि बीजेपी और जेडीयू दोनों बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी तभी एनडीए में घमासान शुरू हो चुका था.
इधर अमित शाह और नीतीश कुमार मीडिया से रूबरू हो रहे थे तो वहीं दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा तेजस्वी यादव से मुलाकात कर रहे थे. उपेंद्र कुशवाहा शुरूआत से कह रहे हैं कि उन्हें तीन से अधिक सीटें चाहिए लेकिन इस बीच आरएलएसपी को बड़ा झटका लगा क्योंकि कुछ दिनों पहले आरएलएसपी विधायक सुधांश शेखर के साथ-साथ पार्टी के दूसरे विधायक ललन पासवान के भी जेडीयू में शामिल होने की खबरें आ रही थी.
इन सभी घटनाक्रमों के बाद एनडीए ने जिस तरह से माइनस उपेंद्र कुशवाहा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया है इससे यह साफ पता चलता है कि उपेंद्र कुशवाहा के सीटों को लेकर सभी दांव-पेंच ध्वस्त हो गए. हालांकि इसकी आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की गई है लेकिन इतना तय है कि छठ महापर्व खत्म होते ही बिहार में चुनावी पर्व का रंग दिखना शुरू हो गया है.
अब आगे उपेंद्र कुशवाहा क्या फैसला करते हैं ये भी देखना दिलचस्प होगा. क्या वो महागठबंधन में शामिल होंगे या कोई और फैसला लेंगे ये आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना जरूर है बिहार में 'सुपरहिट पॉलिटिकल शो' शुरू हो चुका है.