जन अधिकार पार्टी (जाप) सोशल मीडिया पर बाढ़, पटना में जलजमाव सहित कई समस्याओं के दौरान किए गए पुराने कार्यो की तस्वीरों को पोस्ट कर यह बताने की कोशिश कर रही है कि समस्याओं के समय यह पार्टी लोगों के बीच थी
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पटना: कोरोना काल में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) को लेकर सभी राजनीतिक दल वर्चुअल रूप से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से संपर्क करने में जुटे हैं. बड़ी पार्टियां जहां वर्चुअल रैलियां कर मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने में जुटी हैं, वहीं छोटे दल अब सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अपनी बातें लोगों तक पहुंचा रहे हैं.
वामपंथी दल हों या जन अधिकार पार्टी, विकासशील इंसान पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सभी पार्टियों के नेता सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं और कार्यकर्ताओं को भी सोशल मीडिया पर सक्रिय किया गया है. इनमें से कई राजनीतिक दल बाजाप्ता प्रदेश कार्यालय में सोशल मीडिया सेल बना रखा है, जिसमें कई युवा कार्यरत हैं.
सोशल मीडिया के जरिए संबंधित पार्टी की नीतियों और उनके नेताओं की गतिविधियां गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही हैं. छोटी पार्टियां कई व्हाटसएप ग्रुप भी बनाए हुए हैं और मतदान केंद्र स्तर तक लोगों को जोड़ रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिए ही वर्चुअल रूप से प्रदेश के नेता जिलास्तर की बैठकें कर रहे हैं और मतदान केंद्रों तक फीडबैक लेकर आगे की रणनीति बना रहे हैं.
जन अधिकार पार्टी (जाप) सोशल मीडिया पर बाढ़, पटना में जलजमाव सहित कई समस्याओं के दौरान किए गए पुराने कार्यो की तस्वीरों को पोस्ट कर यह बताने की कोशिश कर रही है कि समस्याओं के समय यह पार्टी लोगों के बीच थी, जबकि अन्य पार्टियां नहीं थीं.
जाप के एक नेता कहते भी हैं कि पार्टी सोशल मीडिया पर ही नहीं, जमीन पर भी सक्रिय रही है. पार्टी चुनाव के समय ही नहीं, पांच वर्ष सक्रिय रहती है.
इधर, भाकपा (माले) के कार्यालय सचिव कुमार परवेज ने कहा, "हमलोग बड़े दलों की तरह लाखों, करोड़ों रुपये खर्च कर वर्चुअल रैली तो नहीं कर सकते, सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात प्रदेश से लेकर मतदान केंद्र स्तर तक पहुंचा रहे हैं."
उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र स्तर तक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है. अभी तक 50 हजार से ज्यादा ग्रुप बनाया जा चुके हैं. इसके अलावा, पार्टी के नेता घर-घर जाकर भी लोगों से मिल रहे हैं.
Input:-IANS