मुजफ्फरपुर रेप कांड में नहीं गठित होगी नई टीम, रेवाड़ी मामले में मीडिया को SC का फटकार
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मुजफ्फरपुर रेप कांड में नहीं गठित होगी नई टीम, रेवाड़ी मामले में मीडिया को SC का फटकार

पटना हाईकोर्ट ने जांच में तेजी लाने के लिए सीबीआई को अपनी देखरेख में एक एसआईटी गठित करने का भी निर्देश दिया था.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में नहीं गठित होगी सीबीआई की नई टीम. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए सीबीआई की नई टीम गठित करने के पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर की ओर से गठित टीम में कोई फेरबदल की जरूरत नहीं है. अभी टीम को बदलना जांच को प्रभावित करेगा और पीड़ितों के हित प्रभावित होंगे. 

सुप्रीम कोर्ट, पटना हाईकोर्ट के मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर 20 सितंबर को सुनवाई करेगा. दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई, एसपी और डीआईजी की जगह अब बालिका यौन शोषण मामले की जांच की मॉनिटरिंग का काम स्पेशल डायरेक्टर के हवाले कर दिया था. 

पटना हाईकोर्ट ने जांच में तेजी लाने के लिए सीबीआई को अपनी देखरेख में एक एसआईटी गठित करने का भी निर्देश दिया था. कोर्ट ने अब तक की जांच में असंतुष्टि जाहिर की थी. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में एनजीओ के द्वारा चल रहे शेल्टर होम के बारे में पूरा ब्योरा अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया था. चीफ जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की वकील प्राकृतिका को पीड़ित लड़कियों से बात कर कोर्ट को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था.

इससे पहले इस मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बिहार स्टेट लीगल सर्विस ऑथिरिटी को तीन हफ्ते के भीतर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की पीड़िताओं को मुआवाजे की राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

रेवाड़ी गैंगरेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर मीडिया को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के रेवाड़ी गैंगरेप में पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए टीवी न्यूज़ चैनलों को फटकार लगाई है. कुछ टीवी न्यूज़ चैनल ने रिपोर्ट करते हुए पीड़ित के सीबीएसई टॉपर होने की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये ग़लत है. सीबीएसई की सिर्फ एक ही टॉपर है, रेवाड़ी एक छोटा शहर है और ऐसे में पीड़िता की पहचान सार्वजनिक हो सकती है. हम इसके लिए चिंतित हैं.

क्या है मामला?
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 29 बच्चियों के यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज खुलासे के बाद घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है. यहां लड़कियों का मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता था. सात साल की बच्ची तक को दरिंदों ने नहीं छोड़ा था. वह बच्ची बोल नहीं पा रही है. एक लड़की ने तो अपनी सहेली की हत्‍या कर शव को परिसर में ही दफना दिए जाने की भी बात कही है. देश को हिला देने वाले इस सनसनीखेज मामले में स्‍वयंसेवी संस्‍था 'सेवा संकल्प और विकास समिति' के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपी जेल में हैं, जबकि एक फरार है. आरोपितों में आठ महिलाएं भी शामिल हैं. इस मामले में राजनीतिक रसूख वाले कई सफेदपोश भी शामिल बताए जा रहे हैं.