मुखियाजी जो अपने पुस्तैनी काम से करते हैं गांववालों की सेवा, लोगों के लिए एक मिसाल
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मुखियाजी जो अपने पुस्तैनी काम से करते हैं गांववालों की सेवा, लोगों के लिए एक मिसाल

मुखिया योगेंद्र ठाकुर एक जनप्रतिनिधि के कार्य के साथ-साथ गांव में नाई की भूमिका निभाते हुए लोगों के घरों में शादी समारोह, मुंडन समारोह, श्राद्ध आदि कार्यों में विधि विधान में भी जाते हैं. वहीं गांव वाले ऐसे मुखिया को पाकर काफी खुश हैं.

मुखियाजी जो अपने पुस्तैनी काम से करते हैं गांववालों की सेवा, लोगों के लिए एक मिसाल.

विशाल/सहरसा: आज के दौर में एक ओर जहां लोग किसी बड़े पद को पाकर अपने को बड़े ओहदे वाले समझने लगते हैं. वहीं कुछ लोग पद प्रतिष्ठा रहते हुए भी अपने पुस्तैनी काम को नहीं भूलते हैं. एक ऐसे ही शख्स हैं सहरसा के मुखिया जी जो मुखिया के पद पर रहते हुए भी अपने पुस्तैनी काम से गांव वालों की सेवा कर रहे हैं. आलम यह है कि ग्रामीण भी ऐसे मुखिया को पाकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

मुखिया रहते हुए आज भी लोगों की हजामत बनाकर अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं. दरअसल, सहरसा जिले के कहरा प्रखंड के दिवारी पंचायत के मुखिया योगेंद्र ठाकुर अपने गांव में आज भी साइकिल से घूम-घूमकर गांव वालों के बाल दाढ़ी बनाते हैं और बदले में जो उन्हें आमदनी होती है उससे परिवार चलाते हैं. 

मुखिया योगेंद्र ठाकुर नाई समाज से आते हैं और गांव वालों ने इन्हें अपने जनप्रतिनिधि के रूप में चुना है. मुखिया योगेंद्र ठाकुर लोगों के बाल दाढ़ी बनाने के साथ-साथ गांव के विकास कार्य भी बेहतर ढंग से करा रहे हैं. गांव में पक्की सड़क से लेकर, इंदिरा आवास, बिजली लाइट सहित कई प्रकार के विकास कार्य इन्होंने कराया है जिसकी तारीफ गांव वाले भी बढ़ चढ़ कर करते हैं. 

मुखिया योगेंद्र ठाकुर एक जनप्रतिनिधि के कार्य के साथ-साथ गांव में नाई की भूमिका निभाते हुए लोगों के घरों में शादी समारोह, मुंडन समारोह, श्राद्ध आदि कार्यों में विधि विधान में भी जाते हैं. वहीं गांव वाले ऐसे मुखिया को पाकर काफी खुश हैं.

वहीं, मुखिया योगेंद्र ठाकुर का कहना है कि गांव वालों ने उन्हें पंचायत का मुखिया चुना है. हजामत बनाना उनका पुस्तैनी काम है और इससे होने वाले आमदनी से वो अपना घर परिवार चलाते हैं. साथ ही सरकार की योजनाओं से गांव के विकास कार्य भी करते हैं और वो लोगों की हजामत बनाकर गांव वालों की सेवा करते हैं.