दरभंगा में दिखी अनोखी शादी, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने ई-रिक्शा से निकला दूल्हा
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दरभंगा में दिखी अनोखी शादी, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने ई-रिक्शा से निकला दूल्हा

वरमाला के तुरंत बाद दूल्हा-दुल्हन ने न सिर्फ मिलकर पेड़ लगाए, बल्कि शादी में पहुंचे अतिथियों को रिटर्न गिफ्ट में पेड़ भेंट किए गए.

शादी करने के लिए ई-रिक्शा से निकला दूल्हा.

मुकेश कुमार, दरभंगा : बिहार के दरभंगा में एक अनोखी शादी देखने को मिली. निमंत्रण कार्ड के रूप में भागवत गीता के साथ जनेऊ और सुपारी दिए गए. वहीं, दूल्हा वायु प्रदुषण को लेकर लोगों को जागरूक करने का संदेश देने के लिए ई-रिक्शा से शादी करने निकला. इतना ही नहीं इस अनोखी शादी में महिला सशक्तीकरण का संदेश भी दिया गया. दूल्हे की बहन खुद ई-रिक्शा चलाते हुए नजर आयी.

बात यहीं खत्म नहीं होती है. शादी के लिए तैयार पंडाल में ग्लोबल वार्मिंग के कारण उत्त्पन होने वाले खतरों को दर्शाने के लिए कई स्टॉल लगाए गए. वरमाला के तुरंत बाद दूल्हा-दुल्हन ने न सिर्फ मिलकर पेड़ लगाए, बल्कि शादी में पहुंचे अतिथियों को रिटर्न गिफ्ट में पेड़ भेंट किए गए.

यह शादी समारोह लोगों को जागरूक करने के लिए एक मिसाल था. इस मैके पर मिले उपहार और पैसे को दूल्हे ने एक सरकारी स्कूल को देने की घोषणा की, जिस पैसे से एक स्मार्ट क्लास तैयार किया जा सके. शादी में ऑर्केस्ट्रा और डीजे डांस के बदले घर के बच्चों ने अपनी संस्कृति और कला का अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया. बच्चे भी इस दौरान संस्कृति को बचाए रखने की नसीहत दे रहे थे. साथ ही बल्कि ग्लोबल वार्मिंग से कैसे बचा जा सकता है उसका भी सन्देश दे रहे थे.

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सड़कों से बारात को गुजरता देख लोग सराह रहे थे. इस शादी समारोह का मकसद हवा, पानी, जंगल और जानवर संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना थआ. पूरे समारोह में प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया.

बिहार के दरभंगा का श्रवण और उत्तर प्रदेश की रहने वाली रूचि पेशे से इंजिनियर है. श्रवण बचपन से ही मेधावी छात्र होने के कारण विज्ञान में उनकी रूचि रही. स्कूली जीवन में छोटे-छोटे रिसर्च कर कई मॉडल तैयार किए. उन्हें इसके लिए कई इनाम भी मिले. श्रवण ने दरभंगा में एक जूनियर साइंटिस्ट के नाम से एक क्लब बनाया, जो आज भी बच्चों  को प्रतिभा निखारने में बेहद कारगर है.

दूल्हे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसा करने के पीछे लोगों को संदेश देना था. शादी में शरीक सैकड़ों लोगों में से अगर दस भी उनके इस प्रयास को अपने जीवन में ढालने का प्रयास करते हैं तो न सिर्फ उन्हें खुशी महसूस होगी, बल्कि आने वाले समय में इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिलेंगे. 

दुल्हन रूचि का कहना है कि शादी तो पूरी सादगी से कोर्ट या मंदिर में होनी चाहिए. तभी कुछ बदल सकता है. साथ ही उसने दूल्हे द्वारा उठाया गए कदम की भी खूब तारीफ की. शादी में शामिल होने पहुंचे दीपक कुमार ने कहा कई शादी समारोह में गया हूं, लेकिन ऐसा पहली बार देखा. उन्होंने एक पोस्टर पर अपनी भावना भी लिखी. साथ ही वह अपने बच्चों की शादी में भी कुछ ऐसा ही करने की सोच रहे हैं.