उपेंद्र कुशवाहा ने दी थाने में गिरफ्तारी, बेल देने के बाद पुलिस अब करेगी नई कार्रवाई
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उपेंद्र कुशवाहा ने दी थाने में गिरफ्तारी, बेल देने के बाद पुलिस अब करेगी नई कार्रवाई

उपेंद्र कुशवाहा ने राजधानी पटना के कोतवाली थाना में गिरफ्तारी देने पहुंचे थे.

उपेंद्र कुशवाहा ने पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी.

पटनाः आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. एक तरफ पार्टी के नेता उनका एक-एक कर साथ छोड रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन को लेकर उनपर एफआईआर दर्ज हो चुका है. शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा अपने उपर हुए एफआईआर के खिलाफ गिरफ्तारी देने अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ थाना पहुंच गए. कुशवाहा को थाने से ही बेल मिल गई. लेकिन इस दौरान वो एक और मुसीबत में फंस गए. पुलिस अब उनके द्वारा समर्थकों के साथ थाने का घेराव करने के खिलाफ नई कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन को लेकर हुए एफआईआर पर गिरफ्तारी देने आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शनिवार को थाने पहुंच गए. थाने पहुंचने से पहले कुशवाहा ने पार्टी दफ्तर से लेकर पटना के कोतवाली थाने तक पैदल मार्च किया. इस दौरान उनके वो ढाई सौ समर्थक भी थे जिनको अज्ञात मानकर पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर हुए हंगामे को लेकर एफआईआर दर्ज किया था. 

उपेंद्र कुशवाहा लगभग 2 बजे अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे. उपेंद्र कुशवाहा को आरएलएसपी के कुछ नेताओं के साथ थाने में प्रवेश की अनुमति जरुर मिल गयी. लेकिन उनके समर्थकों को थाने के बाहर की गेट पर रोक दिया गया. कोतवाली थाने की पुलिस ने गिरफ्तारी देने आए सभी आरएलएसपी समर्थकों के नाम पता और डिटेल्स एक फार्म पर दर्ज किराये. इधर उपेंद्र कुशवाहा अपने कुछ समर्थकों के साथ डीएसपी लॉ एण्ड आर्डर के चैंबर में लगभग एक घंटे तक बैठकर कानूनी प्रक्रिया पूरी की. 

दरअसल पुलिस की ओर से दो लोगों पर सीआरपीसी की धारा 41-1 के तहत बायनेम्ड एफआईआर किया गया था. ये धाराएं बेलेबल थीं. इसलिए उपेंद्र कुशवाहा को थाने से ही बेल दे दिया गया. बेल मिलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वो और उनकी पार्टी के नेता अपनी 25 सूत्री मांगों को लेकर राज्यपाल से मिलने शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे थे. लेकिन पुलिस ने उनके उपर न केवल लाठीचार्ज कर दिया बल्कि एफआईआर भी कर दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा की जिस वक्त पुलिस लाठीचार्ज कर रही थी उस वक्त सिविल ड्रेस में भी कई लोग वहां मौजूद थे जिन्होंने मुझ पर हमला कर दिया. कार्यकर्ताओं ने मेरी जान बचाई.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा जिस तरीके से एफआईआर दर्ज कराया गया है उससे साफ परेशान करने की मनसा दिखती है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर मैं दोषी हूं तो पुलिस को मुझे गिरफ्तार करना चाहिए. लेकिन पुलिस ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया है. पूरे प्रदेश में जिस तरह से मेरे कार्यकर्ताओं के उपर झूठा एफआईआर दर्ज किया गया है उसी तरह मुझपर भी फर्जी एफआईआर दर्ज हुआ है. राज्य सरकार को अविलंब मुकदमा वापस लेना चाहिए.

आरएलएसपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी ये शंका है कि मेरे और मेरे कार्यकर्ताओं के कारण ही डाकबंगला चौराहे पर हालात बिगड़े थे तो राज्य सरकार को पूरे मामले की न्यायिक जांच सीटिंग जज से करा लेनी चाहिए. 

इधर डीएसपी लॉ एण्ड आर्ड राकेश कुमार ने कहा कि मामला जमानतीय धाराओं से जुडा था इसलिए थाने से ही जमानत दे दी गयी है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को जांच में सहयोग के लिए कहा गया है. साथ ही डीएसपी ने ये भी कहा कि जिस तरह से आरएलएसपी के कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया है. पुलिस उसकी जांच करेगी. वीडियो फुटेज का सहारा लिया जाएगा. कानून का उल्लंघन का मामला पाये जाने पर कार्रवाई भी हो सकती है.