पटना में जलजमाव का पानी गंगा देवी वीमेंस कॉलेज में भी देखने को मिला. यहां पर कॉलजे पानी भरने से छात्राओं और टीचर का डाक्यूमेंट्स बर्बाद हो गया.
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पटना: बिहार में जलजमाव (Water logging) का साईड ईफेक्ट भी अब दिखने लगा है. जलजमाव की परेशानी से उबर रहे लोगों को अब पानी से हुई बर्बादी के मंजर भी नजर आ रहे हैं. पटना के गंगा देवी महिला कॉलेज की हालत भी बिलकुल ऐसी ही है. पानी की वजह से कॉलेज के विद्यार्थी और पूर्व छात्रों के ज्यादातर डाक्यूमेंट्स (Documents) बर्बाद हो चुके हैं.
क्लासरुम में पानी लगा है और डेंगू (Dengue) का डर सभी को सता रहा है. ऐसे में इस महीने से कॉलेज में शुरु होने वाले एक्जाम को कैसे समय पर पूरा किया जाए, इसको लेकर कॉलेज प्रशासन (Administration) चिंतित है.
पटना में जलजमाव के कारण जिन इलाकों में सबसे ज्यादा बर्बादी हुई, वो राजेन्द्र नगर और कंकडबाग है. कंकडबाग इलाके का ही गंगा देवी वीमेंस कॉलेज भी जलजमाव की त्रासदी का गवाह बना है. जलजमाव के वक्त कॉलेज में 5 फुट तक पानी भरा था. पानी निकलने के बाद, बाकी बचे डाक्यूमेंट्स को सूखाकर बचाने की कोशिश की जा रही है.
कॉलेज के फाईनेंसियल डिपार्टमेंट को देखने वाली डाक्टर प्रमीला शर्मा कहती हैं कि छात्रों और टीचर की एटेंडेंस सीट पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. स्टूडेंन्टस के डाक्यूमेंट्स को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि पानी भले ही कैंपस से निकल गया है, लेकिन अब डेंगू चिकनगुनिया (Dengue Chikungunya) का खतरा सभी टीचर स्टूडेंन्टस को सता रहा है.
निगम की तरफ से कॉलेज कैंपस में न तो फॉगिंग हुई है और न ही ब्लीचिंग पाउडर का छिडकाव हुआ है. कॉलेज प्रशासन ने अपने स्तर से ब्लीचिंग पाउ़डर का छिडकाव किया है लेकिन वो काफी नहीं है.
कॉलेज के कई क्लास रुम में अभी भी पानी भरा हुआ है तो वहीं, दूसरी तरफ बॉटनी डिपार्टमेंट के कई प्रैक्टिकल के इक्वीपमेंट्स बर्बाद हो चुके हैं. बीसीए स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए कॉलेज में बडा कंप्यूटर लैब भी है, लेकिन यहां के सभी सीपीयू और यूपीएस पानी के चपेट में बर्बाद हो चुके हैं. कंप्यूटर लैब के इंचार्ज दीपक कुमार ने कहा हमलोग अभी स्टूडेंट्स को सिर्फ थ्योरी ही पढा रहे हैं और प्रैक्टिकल की ट्रेनिंग बंद है.
उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रशासन की चिंता पार्ट थर्ड की चल रही एक्जाम को पूरा करने की और 22 अक्टूबर से शुरु होनेवाली पार्ट टू के एक्जाम को समय पर खत्म करने की है. इसके अलावा इंटर की होने वाली सेंटअप परीक्षा को समय पर पूरा करना भी कॉलेज प्रशासन के लिए चिंता का सबब बना हुआ है.
इधर कॉलेज की स्टूडेंट्स पढाई से ज्यादा अपनी सेहत को लेकर परेशान दिख रही हैं. कॉलेज कैंपस और उसके आसपास में फैले पानी और गंदगी के कारण डेंगू और चिकनगुनिया का डर उन्हें सता रहा है. स्टूडेंट्स की माने तो एक्जाम के सीजन में अगर वो बीमार पर गए तो, उनकी पढाई को काफी नुकसान होगा.