ये परंपरा सदियों से चला आ रही है. ऐसा माना जाता है कि इस परंपरा को निभाने से गांव की देवी प्रसन्न होती हैं और गांव पर उनकी कृपा बनी रहती है.
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Bihar News: भगवान राम वनवास पर गए थे, ये तो सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार में एक गांव ऐसा है जहां लोग आज भी वनवास के लिए जाते हैं. जी हां, ये बात सच है. ये गांव पश्चिम चंपारण जिले के बगहा प्राखंड में स्थित है. इस गांव का नाम है- नौरंगिया. इस गांव के लोग अपना घर-द्वार छोड़कर 12 घंटे के लिए वनवास जाते हैं.
जानकारी के अनुसार, गांव के लोग वनवास में अपने साथ अपने पशु-पक्षियों को भी लेकर जाते हैं. इससे पूरा गांव खाली हो जाता है. ये परंपरा सदियों से चला आ रही है. ऐसा माना जाता है कि इस परंपरा को निभाने से गांव की देवी प्रसन्न होती हैं और गांव पर उनकी कृपा बनी रहती है. बता दें कि इस गांव में थारू जनजाति के लोग रहते हैं.
गांव पर नहीं आती विपत्तियां
स्थानीय लोगों के मुताबिक, कई साल पहले यह गांव प्राकृतिक आपदाओं और महामारियों से पीड़ित था. इस गांव में हैजा और चेचक का काफी प्रकोप था. गांव में अक्सर आग भी लग जाया करती थी. जिससे लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता था. जिसके बाद एक साधू ने उन्हें इस रीति को निभाने के लिए कहा था.
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जंगल में मां दुर्गा की पूजा करते हैं
मान्यता है कि एक बाबा परमहंस साधू ने देवी मां का सपना देखा, जिसमें उन्होंने पूरे गांव वालों को वनवास ले जाने के लिए कहा था. तब से यहां हर साल इस रिवाज का पालन किया जाता है. तब से गांव के लोग हर साल वैशाख की नवमी के दिन 12 घंटे के लिए वनवास पर जाते हैं. जंगल में वे देवी दुर्गा की पूजा करते हैं. गांव के नौजवान भी इस परंपरा को निभाते हैं. उनका कहना है कि 1 दिन के वनवास से गांव में शांति रहती है इसलिए इस परंपरा को आज भी हम लोग निभाते हैं.