Motihari Bridge Collapse: जानकारी के मुताबिक, लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड श्रीकृष्णनगर द्वारा कराया जा रहा था. यह पुल घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क पर बन रहा था.
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Motihari Bridge Collapse: बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अररिया और सीवान के बाद अब मोतिहारी में एक ब्रिज भरभराकर गिर गया. इस तरह से एक हफ्ते में तीसरा पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. लगातार एक के बाद एक पुलों के गिरने से बिहार सरकार घिरती हुई नजर आ रही है. वहीं मोतिहारी के निर्माणाधीन पुल गिरने को लेकर निर्माण कंपनी के मुंशी ने बड़ी साजिश का खुलासा किया है. मुंशी के मुताबिक, पुल गिरा नहीं बल्कि गिराया गया है. उसने कहा कि पुल की ढलाई का काम देररात तक चला था. ढलाई के बाद रात को मोटरसाइकिल से एक युवक आया और उसने पुल के एक पाया को हिलाया था, जिस कारण पुल ध्वस्त हो गया है.
वहीं ग्रामीणों ने पुल निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने की बात कही है. ग्रामीणों ने कहा कि रात के अंधेरे में पुल की ढलाई की जा रही थी. रात को करीब 12 बजे पुल ध्वस्त हो गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि सीमेंट और बालू का सही मिश्रण नहीं होने और ढलाई के लिए लगाए गए सेंट्रिंग के पाइप के कमजोर होने के कारण पुल ध्वस्त हुआ है. पुल गिरने से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारियों की मिली-भगत से गड़बड़ी की जा रही थी. अगर ये पुल अभी नहीं गिरता तो आगे कभी गिरता. उन्होंने कहा कि आगे इस पुल से बड़ा हादसा हो सकता था.
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बता दें कि ब्रिज की ढलाई कल (शनिवार, 22 जून) को हुआ था. ढलाई के बाद आज (रविवार, 23 जून) ही पुल का एक ध्वस्त हो गया. सुबह-सुबह जब ग्रामीणों ने देखा तो पुल का एक गिस्सा गिरा हुआ पड़ा था. जानकारी के मुताबिक, इस पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड श्रीकृष्णनगर द्वारा कराया जा रहा था. इस हफ्ते में यह तीसरा पुल है जोकि गिरा है. इससे सवाल उठने लगे हैं कि एक महीने के अंदर तीन पुल कैसे गिर सकते हैं. इसके पहले इसी सप्ताह अररिया और सीवान में दो अलग अलग पुल गिर चुके हैं.