Bettiah MJK College: एमजेके कॉलेज दो कदम और आगे बढ़कर छात्रों को सीधे-सीधे चेतावनी दे डाली है. यदि छात्र एबीवीपी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे तो उनके आंतरिक मूल्यांकन में 10 अंक काट लिए जाएंगे.
बेतियाः बिहार के बेतिया के एमजेके कॉलेज ने एक ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया है, जिससे छात्र सकते में आ गए है. कॉलेज का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से याराना का मामला सामने आया है, जिससे छात्र सकते में है. कॉलेज ने कुछ ऐसा फरमान जारी किया है कि छात्र समझ नहीं पा रहे हैं कि करें तो क्या करें. विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम के लिए एमजेके कॉलेज ने आंतरिक मूल्यांकन की परीक्षा को स्थगित कर दिया है.
एमजेके कॉलेज दो कदम और आगे बढ़कर छात्रों को सीधे-सीधे चेतावनी दे डाली है. यदि छात्र एबीवीपी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे तो उनके आंतरिक मूल्यांकन में 10 अंक काट लिए जाएंगे. शायद यह अपनी तरह का एक इकलौता मामला है. बता दें कि 25 अक्टूबर को नगर के रमना मैदान स्थित महर्षि वाल्मीकि सभागार, न्यू ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से युवा सम्मेलन आयोजित किया गया है.
एमजेके कॉलेज के प्राचार्य ने आदेश जारी किया है कि स्नातक ग्रुप ए और ग्रुप बी के छात्र ज्यादा इस कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए तो आंतरिक मूल्यांकन के उसके 10 अंक काट लिए जाएंगे. अब इस आदेश के बाद छात्र परेशान हो गए है. कई छात्र ऐसे हैं जिनका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से कोई सरोकार नहीं है, ना ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सिद्धांतों से सहमत है. अब वे समझ नहीं पा रहे हैं कि करें तो क्या और अपना दुखड़ा किसे कहें. एमजेके कॉलेज के इस फरमान के बाद कई छात्र संगठनों ने आड़े हाथों लिया है और इसे कॉलेज की तानाशाही बताया है.
एमजेके कॉलेज के छात्रों ने बताया है कि आंतरिक मूल्यांकन के अंक छात्रों की विभिन्न तरह के गतिविधियों के तहत दी जाती है. ऐसे में एबीवीपी के कार्यक्रम में शरीक होना जरूरी नहीं है. बावजूद कॉलेज उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ज़बरन दबाव बन रहा है. यह हम छात्रों के साथ अत्याचार है.
इस आदेश के बाद एनएसयूआई के छात्र नेता हरि अक्षय कमल तिवारी और तौकीर अजीज ने कहा कि कॉलेज के इस आदेश के बाद कॉलेज प्रशासन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बीच गठजोड़ की कलई खुल गई है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इशारे पर ही कॉलेज में कई काम होते हैं. छात्रों को जबरन एबीवीपी के कार्यक्रम में भेजा जा रहा है. यह न सिर्फ नियम का उल्लंघन है छात्रों के साथ अन्याय है. एनएसयूआई इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.
आइसा के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु राव ने कॉलेज के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि कॉलेज जल्द से जल्द इस आदेश को वापस करें अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. इधर कॉलेज के इस आदेश के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. कई बुद्धिजीवी ने इस आदेश को गलत करार दिया है. बता दें कि राम लखन सिंह यादव कॉलेज ने भी एक आदेश जारी किया था, लेकिन विरोध होने पर उसने अपना आदेश वापस कर लिया है. छात्र संगठन से लेकर कॉलेज के छात्र छात्राएं एमजेके कॉलेज के इस फरमान का विरोध कर रहें है. (इनपुट- धनंजय द्विवेदी)
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