Chhawla Rape-Murder Case: दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाएं SC से खारिज
Advertisement

Chhawla Rape-Murder Case: दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाएं SC से खारिज

Delhi Rape-Murder Case: पुनर्विचार याचिकाओं पर जज पहले बंद चैम्बर में केस की फाइल देखकर तय करते हैं कि क्या मामले पर ओपन कोर्ट में सुनवाई की जरूरत है या नहीं. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस रविन्द्र भट्ट, जस्टिस बेला त्रिवेदी ने अपने आदेश में कहा कि फैसले और उपलब्ध रिकॉर्ड को देखने पर हमें अपने पहले फैसले  में कोई  कानूनी खामी नजर नहीं आती. लिहाजा पुनर्विचार की मांग वाली अर्जियों को खारिज किया जाता है.

Chhawla Rape-Murder Case: दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाएं SC से खारिज

Supreme Court: दिल्ली के छावला इलाके में एक लड़की के गैंगरेप और फिर बेहद क्रूरता से हत्या कर देने के मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. पिछले साल 7 नवंबर को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में पुलिस की जांच और ट्रायल पर सवाल उठाते हुए संदेह का लाभ देते हुए दोषियों को बरी कर दिया गया था. इससे पहले इन दोषियों को निचली अदालत से लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी.दिल्ली पुलिस और पीड़ित परिवार ने  अर्जी दायर कर बरी करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी.

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा

पुनर्विचार याचिकाओं पर जज पहले बंद चैम्बर में केस की फाइल देखकर तय करते हैं कि क्या मामले पर ओपन कोर्ट में सुनवाई की जरूरत है या नहीं. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस रविन्द्र भट्ट, जस्टिस बेला त्रिवेदी ने अपने आदेश में कहा कि फैसले और उपलब्ध रिकॉर्ड को देखने पर हमें अपने पहले फैसले  में कोई  कानूनी खामी नजर नहीं आती. लिहाजा पुनर्विचार की मांग वाली अर्जियों को खारिज किया जाता है.

पीड़ित को असहनीय यातनाएं दी गई थीं

मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली अनामिका दिल्ली के छावला इलाके में रह रही थी. 9 फरवरी साल 2012 की रात जब वह नौकरी से लौट रही थी तो कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया. कई दिन बाद उसकी लाश हरियाणा के रेवाड़ी के खेत में मिली.इस मामले में दोषियों ने लड़की के साथ रेप के अलावा उसे असहनीय यातना भी दी थी. लड़की को कार में इस्तेमाल होने वाले औजारों से पीटा गया. उसके शरीर को जगह-जगह सिगरेट से दागा गया था और उसके चेहरे को तेजाब से जलाया गया था.निचली अदालत ने तीन दोषियों को फांसी की सज़ा दी थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस सज़ा को बरकरार रखा था. लेकिन पिछले साल नवंबर में दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी दोषियों को बरी कर दिया था.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com- सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news