All India Bar Examination: वकालत करने के लिए दी जाने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) में कट-ऑफ कम कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी. जिसपर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए टिप्पणी की. उन्होंने याचिका करने वाले से कहा.. 'पढ़ो भाई'. सीजेआई की इस सलाह के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.


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अखिल भारतीय बार परीक्षा


अखिल भारतीय बार परीक्षा, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित की जाती है. लॉ ग्रेजुएट्स को वकालत शुरू करने के लिए इसे पास करना होता है. इस पास किए बिना को भी लॉ ग्रेजुएट वकाल नहीं कर सकता. यह परीक्षा साल में दो बार 10 से अधिक भाषाओं में आयोजित की जाती है. इसे किसी भी उम्र में दिया जा सकता है.


क्या है सिलेबस


परीक्षा में विषय व्यापक हैं, जिनमें संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, जनहित याचिका, पर्यावरण कानून और उद्योग कानून शामिल हैं. कई अन्य शाखाओं के साथ-साथ कराधान और बौद्धिक संपदा कानून भी सिलेबस का हिस्सा हैं.


..तो वह किस तरह का वकील होगा?


वर्तमान में इस परीक्षा के लिए कट-ऑफ सामान्य श्रेणी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 45 प्रतिशत है. वहीं, एससी/एसटी श्रेणियों के आवेदकों के लिए 40 प्रतिशत है. कट ऑफ कम करने की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "उन्होंने सामान्य, ओबीसी और एससी/एसटी के लिए 40 का कट-ऑफ रखा है...अगर कोई इतना स्कोर नहीं कर सकता तो वह किस तरह का वकील होगा?" इसके बाद उन्होंने कहा, "पढ़ो भाई". 


50 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार इसे पास करने में असफल रहे..


हाल ही में, सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक प्रश्न के जवाब में बार काउंसिल ने कहा था कि पिछले साल परीक्षा देने वाले 50 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार इसे पास करने में असफल रहे थे. AIBE वेबसाइट के अनुसार, यह एक ओपन बुक परीक्षा है. जिसका उद्देश्य कानून का अभ्यास करने के इच्छुक उम्मीदवार के लिए बुनियादी स्तर के ज्ञान और विश्लेषणात्मक कौशल का आकलन करना है.