कांग्रेस पार्टी दरअसल आनन-फानन में कोई फैसला नहीं करना चाहती है. इस बारे में जो भी फैसला होगा सोच समझकर होगा वह दीर्घकालीन फैसला होगा.
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra assembly elections 2019) में पल-प्रतिपल बदलते सियासी समीकरणों के तहत शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस कांग्रेस कोर ग्रुप की सुबह 10 बजे दिल्ली में बैठक होगी. सूत्रों के मुताबिक उसके बाद पार्टी के तीन सीनियर नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केके वेणुगोपाल मुंबई जाएंगे. वहां एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात करेंगे और इस सरकार में कांग्रेस और एनसीपी की क्या भूमिका होगी, इस बारे में वहीं अंतिम फैसला होगा. इस मीटिंग में महाराष्ट्र कांग्रेस के सीनियर नेता भी मौजूद रहेंगे. माना जाता है कि इस पूरी कवायद में 1 दिन और लगेगा. कांग्रेस पार्टी दरअसल आनन-फानन में कोई फैसला नहीं करना चाहती है. इस बारे में जो भी फैसला होगा सोच समझकर होगा वह दीर्घकालीन फैसला होगा.
इससे पहले एनसीपी नेता अजीत रात ने कल देर रात कहा कि मुझे पता चला है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शरद पवार को फोन किया था और बताया कि गवर्नर ने सरकार बनाने के लिए उनको अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया. अब एनसीपी और कांग्रेस के नेता शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर 12 नवंबर को बैठक करेंगे.
सरकार बनाने के लिए एनसीपी को आमंत्रित किया
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी ने सोमवार देर शाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने मीडियाकर्मियों से कहा, "राज्यपाल ने हमारे प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है और संकेत है कि एक आमंत्रण पत्र हमें दिया जाएगा. कल हम अगली सरकार बनाने के तौर-तरीकों पर कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे."
इसके पहले राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मीडिया को बताया कि राज्यपाल ने उन्हें रात 8.30 बजे बुलाया और वह आधा दर्जन अन्य नेताओं के साथ उनसे मिलने के लिए राजभवन जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है कि उन्होंने क्यों बुलाया है.
मलिक ने कहा कि 24 घंटे की छोटी अवधि के कारण कांग्रेस-राकांपा सरकार बनाने के लिए जरूरी चीजों का बंदोबस्त नहीं कर सकीं, जिससे शिवसेना अपने दावे को अंतिम रूप दे पाती. उन्होंने कहा, "राज्यपाल को हस्ताक्षर, नाम, विधानसभा सीटों के नाम और समर्थन करने वाले सभी विधायकों की संख्या के साथ पत्र चाहिए था, जो इतने कम समय में संभव नहीं था. सेना ने अतिरिक्त समय मांगा, लेकिन राज्यपाल ने समय देने से इंकार कर दिया."
इसके पहले रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया था. और सोमवार को शिवसेना कांग्रेस और राकांपा के समर्थन के पत्र प्रस्तुत नहीं कर सकी, यद्यपि उसने दोनों दलों से सैद्धांतिक रूप से समर्थन प्राप्त होने का दावा किया. उसके बाद अब राकांपा को मौका दिया गया है.
(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)