चुनावों में कांग्रेस के हिस्से में आई बस हताशा और मायूसी, फिर सवालों में लीडरशिप
Advertisement
trendingNow11121839

चुनावों में कांग्रेस के हिस्से में आई बस हताशा और मायूसी, फिर सवालों में लीडरशिप

पांच राज्यों के चुनावी नतीजे कांग्रेस के लिए सदमे की तरह है. पार्टी पंजाब का किला बचाने में भी सफल नहीं हुई है. ऐसे में एक बार फिर से कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं. आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर बड़े पैमाने पर उठापठक संभव है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) के हिस्से केवल हताशा और मायूसी ही आई है. पंजाब (Punjab) गंवाने के साथ ही पार्टी को बाकी चार राज्यों में भी शर्मनाक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस ने इस बार प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को आगे करके नया दांव चला था. उसे उम्मीद थी कि प्रियंका रूठे मतदाताओं को पार्टी की तरफ मोड़ सकेंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब यहां से कांग्रेस के लिए आगे की राह बेहद मुश्किल हो गई है. 

  1. पांच राज्यों में कांग्रेस का शर्मनाक प्रदर्शन
  2. पंजाब का किला भी नहीं बचा पाई कांग्रेस
  3. नेतृत्व को लेकर फिर उठ रहे हैं सवाल 

बस इन राज्यों में है सरकार

फिलहाल छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की अपने बूते सरकार है, जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में वह गठबंधन सरकार में है. पुद्दूचेरी के बाद पंजाब के रूप में कांग्रेस के हाथ से एक और राज्य फिसल गया है. पार्टी अपने सवा सौ साल से ज्यादा के इतिहास में सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है. कांग्रेस नेतृत्व को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. जिन राज्यों में उसकी सरकार है वहां आपसी खींचतान, गुटबाजी व अनुशासनहीनता हावी है. पंजाब में सत्ता गंवाने और उत्तराखंड में सत्ता में आने का मौका चूकने के पीछे पार्टी की आपसी खींचतान को ही प्रमुख वजह माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें -UP: 'साइकिल' पंचर कर 'कमल' खिलाने में क्या रही मायावती की भूमिका?

आपसी विवाद में उलझी रही पार्टी

पंजाब में कैप्टन बनाम सिद्धू, फिर सिद्धू बनाम चन्नी, इसी तरह उत्तराखंड में हरीश रावत बनाम प्रीतम सिंह की खींचतान के बीच पार्टी ने चुनाव लड़े और नतीजा सबके सामने है. 2019 में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लगभग तीन साल बाद भी पार्टी अपने स्थायी नेतृत्व का मुद्दा सुलझा नहीं पाई है. वैसे पार्टी की कमान भले ही सोनिया गांधी के हाथों है, लेकिन फैसले राहुल गांधी ले रहे हैं. कमजोर नेतृत्व की वजह से कई नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं और कई कतार में हैं. आने वाले दिनों में संगठन के चुनाव होने हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या खराब प्रदर्शन के बावजूद राहुल गांधी पार्टी को दोबारा कमान सौंपी जाएगी?

‘आप’ बन रही कांग्रेस के लिए चुनौती

नेतृत्व संकट में घिरी कांग्रेस की एक बड़ी चुनौती राष्ट्रीय स्तर पर ढीली होती पकड़ भी है. लगातार मिल रही हार के चलते पार्टी विपक्षी दलों के बीच पहले वाली स्थिति में नहीं है. यहां तक कि छोटे दलों ने भी उसे गंभीरता से लेना बंद कर दिया है. पांच राज्यों के चुनाव से पहले देश में तीसरे मंच को लेकर कवायद शुरू हुई थी, लेकिन टीएमसी, टीआरएस और आप जैसे दलों ने कांग्रेस को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. अगर यही स्थिति रही तो यूपी के बाकी दल भी उससे दूर जाने में देरी नहीं लगाएंगे. वैसे देखा जाए तो अरविंद केजरीवाल की ‘आप’ कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन रही है. दिल्ली के बाद पंजाब दूसरा राज्य है, जहां आप ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया है. 

इन राज्यों पर होगी ‘आप’ की नजर

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पंजाब के बाद ‘आप’ की नजर उन राज्यों पर होगी, जहां कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला है. पार्टी का अगला प्रयोग इस साल के अंत में गुजरात में होने वाले चुनाव में देखने को मिल सकता है. वहीं हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान में भी चुनाव होने हैं, जहां मोटे तौर पर मुकाबला कांग्रेस-भाजपा में ही है. यहां भी केजरीवाल बड़ा उलटफेर करने की कोशिश कर सकते हैं. जिसका नुकसान सीधे तौर पर कांग्रेस को ज्यादा उठाना होगा.

फिर सक्रिय होगा G-23

चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस में हलचल बढ़नी तय है. पार्टी में असंतुष्ट नेताओं का गुट G-23 एक बार फिर सक्रिय हो सकता है. इसके अलावा, कुछ नेता आने वाले समय में कांग्रेस छोड़ सकते हैं. इस उठापठक का असर केंद्रीय संगठन से लेकर राज्य की इकाइयों तक में देखने को मिल सकता है. गौरतलब है कि हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.के एंटोनी ने अपने राजनैतिक संन्यास का ऐलान किया गया है. कहा जा रहा है कि संगठन चुनाव में अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश करते हैं, तो उन्हें पार्टी के भीतर से चुनौती भी मिल सकती है.  

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news