जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में कोरोना (Coronavirus) मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच ऑक्सीजन (Oxygen) की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में प्रशासन के आग्रह पर सेना ने ऑक्सीजन प्लांट तैयार कर बड़ी मदद की है.
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में कोरोना (Coronavirus) मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच ऑक्सीजन (Oxygen) की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. संकट की इस घड़ी में सेना (Indian Army) भी लगातार प्रशासन की सहायता करने में लगी है.
श्रीनगर के रंगरेठ इलाके में पिछले चार सालों से एक ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) बंद पड़ा था. प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए प्रशासन ने इस प्लांट को चालू करने में सेना की मदद मांगी. सेना (Indian Army) ने केवल 4 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद इस ऑक्सीजन प्लांट को फिर से चालू कर दिया है. इस ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 700 सिलेंडर भरने की है. इस प्लांट के चालू होने से प्रशासन को ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.
सूत्रों के मुताबिक प्रशासन की ओर से इस प्लांट (Oxygen Plant) को चालू करने की रिक्वेस्ट मिलने के बाद सेना ने वायु सेना के जरिए मुंबई से उपकरण मंगवाए. इसके बाद सेना (Indian Army) की इंजीनियरिंग कोर के जवानों ने दिन-रात काम शुरू किया. चार दिनों की कड़ी मेहनत के बाद जवान ने रिकॉर्ड समय में इस प्लांट को चालू कर प्रशासन को सौंप दिया. सेना के अधिकारियों के मुताबिक़ इस प्लांट के चालू होने से श्रीनगर में 25 प्रतिशत ऑक्सीजन की ज़रूरत पूरी होगी.
लेफ्टिनेंट कर्नल नीलादिरी रॉय कहते हैं, 'नागरिक प्रशासन ने इस प्लांट (Oxygen Plant) को चालू करने के लिए चिनार कॉर्प से संपर्क किया था. इसके बाद हमने वायु सेना की मदद से मुंबई से प्लांट के लिए स्पेयर पार्ट्स मंगवाए. इसके बाद सेना के इंजीनियरों ने 4 दिनों के रिकॉर्ड समय में काम पूरा कर लिया. यह ऑक्सीजन प्लांट पिछले 4 साल से खराब था. इससे एक दिन में करीब 700 सिलेंडर रिफिल होंगे.'
उन्होंने कहा कि सेना (Indian Army) हमेशा देश की जनता के साथ है और रहेगी. कोरोना महामारी से लड़ने में सेना सिविल प्रशासन का साथ देती रहेगी. ऑक्सीजन प्लांट के मालिक ने सेना के समर्थन की सराहना की. उसने कहा कि इतने कम समय में इसे चालू करना संभव नहीं था.
ऑक्सीजन प्लांट एन डी गैसेस के मालिक अली मोहम्मद ने कहा, 'संयंत्र पिछले 4 वर्षों से बंद था, इसलिए हैवी ड्यूटी एयर कंप्रेसर, चिलर और यहां तक कि कॉलमर एयर सेपरेटर जैसी सभी उप-प्रणालियों में कई समस्याएं थीं. फिर भी
सेना ने बहुत मदद की. उन्होंने मुंबई से पार्ट्स मंगवाए और फिर उसे शुरू करने के लिए दिन रात काम किया. इस प्लांट के चालू होने से स्थानीय आबादी को बहुत मदद मिलेगी.'
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इस अभियान में शामिल जवानों ने कहा, 'हमें कम से कम समय में इस प्लांट (Oxygen Plant) को शुरू करने के लिए कहा गया था. हमें खुशी है कि हम उन लोगों की जान बचा पाएंगे जिन्हें इस ऑक्सीजन की जरूरत है. हमें बेहद गर्व है कि हमने इसे बहाल करने के लिए प्रोजेक्ट पर दिन रात काम किया. अगर हम महामारी में किसी की जान बचा पाते हैं तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात होगी.'
बताते चलें कि भारतीय सेना (Indian Army) इससे पहले श्रीनगर के रंगरेथ इलाके में 200 बेड का कोविड अस्पताल स्थापित कर चुकी है. नियंत्रण रेखा के पास उड़ी सेक्टर में एक और अस्पताल स्थापित किया गया है. कुल मिला कर सेना अब कोरोना से लड़ाई में पूरी तरह से स्थानीय प्रशासन के साथ शामिल हो चुकी है.
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