केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने रविवार (18 अक्टूबर) को आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि कोरोना संक्रमण के मामले में भारत कम्युनिटी ट्रांसमिशन (community transmission) के चरण में पहुंच चुका है.
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नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस का सामुदायिक तौर पर संक्रमण चुनिंदा राज्यों के कुछ जिलों में सीमित है और ऐसा पूरे देश में नहीं हो रहा है. हर्षवर्धन ने ‘संडे संवाद’ के छठे एपिसोड में अपने सोशल मीडिया फॉलोअरों से बातचीत में यह बात कही. वह एक प्रतिभागी के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान का जिक्र किया कि उनके राज्य में सामुदायिक संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल समेत अनेक राज्यों के विभिन्न हिस्सों में और खासतौर पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण हो सकता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि देशभर में ऐसा नहीं हो रहा है. सामुदायिक संक्रमण कुछ राज्यों के कुछ जिलों तक सीमित है.’’ केंद्र सरकार ने अभी तक देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक संक्रमण की बात से इनकार किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सामुदायिक संक्रमण की कोई मानक परिभाषा नहीं दी है.
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चीन के दावे की पुष्टि के लिए नहीं है कोई साक्ष्य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो दुनिया में कोविड-19 महामारी के एक साथ कई स्थानों पर फैलने के दावे की पुष्टि करता हो. चीन ने दावा किया है कि कोरोना वायरस महामारी पिछले साल कई देशों में फैली. हर्षवर्धन ने ‘संडे संवाद’ की छठी कड़ी में सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स से संवाद के दौरान कहा कि अब तक यही स्वीकृत है कि दुनिया में पहली बार चीन के वुहान से कोविड-19 महामारी फैली.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन ने दावा किया है कि कई देशों में यह बीमारी एक साथ फैली. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस दावे की (इस बीमारी के संदर्भ में) दुनियाभर में कई स्थानों पर यह बीमारी (एक साथ फैली) थी, के सत्यापन के लिए एक ही वक्त पर कई देशों से जांच में पुष्टि के पश्चात, मामलों के सामने आने पर संगत आंकड़े की जरूरत होगी. लेकिन इस संदर्भ में अब तक कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं है. इसलिए वुहान में कोविड -19 के मामले आना ही दुनिया में पहला मामला है.’’
बाजार में चीन में निर्मित ऑक्सीमीटर की बाढ़ आने के संबंध में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘बाजार से या ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं से ऑक्सीमीटर खरीदते समय उपभोक्ताओं को एफडीए या सीई से स्वीकृत उत्पादों को ही देखना चाहिए और उन्हें आईएसओ या आईईसी विशिष्टताओं का भी ध्यान रखना चाहिए.’’
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑक्सीजन स्तर में गिरावट कोविड संक्रमण का लक्षण नहीं है क्योंकि ऐसा अन्य रूग्णता स्थितियों में भी हो सकता है. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस में कोई आनुवांशिक बदलाव नहीं आया है.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फिलहाल देश में किसी भी नासिका संबंधी टीके का परीक्षण नहीं चल रहा है लेकिन सेरम इंस्टीट्यूट या भारत बायोटेक द्वारा आगामी महीनों में नियामकीय मंजूरी के बाद ऐसे टीकों के क्लीनिकल परीक्षण किये जाने की संभावना है.