Corona Vaccine: तीसरी लहर से पहले एक और वैक्सीन तैयार, अन्य टीकों से इस मायने में होगी अलग
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Corona Vaccine: तीसरी लहर से पहले एक और वैक्सीन तैयार, अन्य टीकों से इस मायने में होगी अलग

भारत के ड्रग कंट्रोलर ने शुक्रवार को जायडस कैडिला की तीन-खुराक वाली COVID-19 डीएनए वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. दावा किया जा रहा है कि यह वैक्सीन 12 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों पर भी कारगर सिद्ध होगी. 

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. सभी फार्मास्युटिकल कंपनी कमर कस के लगी हुई हैं. प्रयास किए जा रहे हैं कि अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके. भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की वैक्सीन जायकोव-डी (Zycov-D) को सरकार से इमरजेंसी अप्रूवल मिल गया है. ये दुनिया की पहली DNA बेस्ड वैक्सीन होगी.

  1. भारत में एक और वैक्सीन जल्द आने की उम्मीद
  2. Zycov-D वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल की सिफारिश
  3. 12 साल से ऊपर के बच्चों पर भी असरदार

DNA बेस्ड वैक्सीन

भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया की वैक्सीन के लिए बनाई गई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव डी के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सिफारिश कर दी है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद जायकोव डी दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी. गौरतलब है कि जायडस कैडिला की वैक्सीन पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है. डीएनए आधारित वैक्सीन फॉर्मूलेशन को वायरस म्यूटेशन की स्थिति में आसानी से बदला जा सकता है.

पीएम मोदी ने ट्वीट करके इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से देश को कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में मदद मिलेगी. 

जायकोव डी की वैक्सीन की खास बातें 

भारत में अभी 2 डोज वाली वैक्सीन लग रही हैं, जबकि जायकोव 3 तीन डोज की वैक्सीन है. हालांकि इसके ट्रायल अभी भी चल रहे हैं. इस वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद दूसरी डोज 28वें दिन और फिर तीसरी डोज 56वें दिन पर लगाई जाएगी. यानी ये 4 हफ्ते के अंतर पर लगाई जाएगी. खास बात ये है कि इस वैक्सीन को रूम टेंम्परेचर पर स्टोर किया जा सकता है. ये वैक्सीन 2 डिग्री से लेकर 25 डिग्री तक के तापमान पर स्टोर की जा सकती है. 

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सिरिंज फ्री वैक्सीन

ये एक सिरिंज फ्री वैक्सीन है. इसका मतलब कि ये सिरिंज (Syringe) की जगह जेट इंजेक्टर से लगाई जाएगी. जैसे कि कुछ लोग घर में डायबिटीज चेक करने के लिए इंजेक्टर से उंगली से खून की एक बूंद निकालते हैं. हालांकि इस वैक्सीन को 90 डिग्री पर रखकर यानी सीधे लगाया जाएगा.

बच्चों पर भी है असरदार

इस वैक्सीन का टेस्ट बड़ों के अलावा 12 से 18 साल के बच्चों पर भी किया जा रहा है. ऐसे में संभव है कि भारत में बच्चों को लगने वाली ये पहली वैक्सीन हो. जायडस कैडिला पहले भी दावा कर चुकी है कि अप्रूवल मिलने के कुछ दिनों के अंदर ही ये वैक्सीन लोगों को लगाए जाने के लिए उपलब्ध करवाई जा सकती है. कंपनी का टारगेट हर महीने 2 करोड़ वैक्सीन लगाने का है. बता दें कि इस वैक्सीन का ट्रायल तकरीबन 20 हजार लोगों पर किया गया है.

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