एक तरफ जहां देशभर में कोरोना के आंकड़े रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं और अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 50 लाख के आंकड़े को भी पार कर गई है. इस बीच कोरोना संक्रमण को लेकर चौंकाने वाली बात भी सामने आ रही है.
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नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे का सामना कर रहे हैं. राजधानी दिल्ली में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें ठीक हो चुके मरीजों को दोबारा कोरोना हो गया है.
एक तरफ जहां देशभर में कोरोना के आंकड़े रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं और अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 50 लाख के आंकड़े को भी पार कर गई है. इस बीच कोरोना संक्रमण को लेकर चौंकाने वाली बात भी सामने आ रही है. कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद लोगों को ये संक्रमण दोबारा अपनी चपेट में ले रहा है.
देशभर में लाखों लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं पर इस खबर ने सभी को सकते में डाल दिया है.
रिसर्च में दोबारा संक्रमण का खुलासा
दिल्ली में सीएसआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी की रिसर्च में पुन: संक्रमण का खुलासा हुआ है. इसमें नोएडा के दो और मुंबई के चार हेल्थकेयर वर्कर्स में दोबारा संक्रमण की पुष्टि हुई है.
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), दिल्ली की ओर से पेश किए रिसर्च के अनुसार नोएडा के गर्वमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GIMS) अस्पताल के दो हेल्थकेयर वर्कर्स में दोबारा संक्रमण का मामला सामने आया है जो देश में दोबारा संक्रमण का पहला मामला हो सकता है.
हेल्थकेयर वर्कर्स के सैंपल्स की जांच
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी IGIB की एक टीम ने अब तक देश भर से 16 हेल्थकेयर वर्कर्स के सैंपल्स की जांच की. जिसमें स्वाब सैंपल्स में से एक पहले संक्रमण को और दूसरा दोबारा संक्रमण को दर्शाता है.
दिल्ली से सटे नोएडा में हेल्थकेयर वर्कर के मामले में एक 25 वर्षीय पुरुष और एक 28 वर्षीय महिला के टेस्ट में दो SARS-CoV2 वायरस के बीच 9 अलग प्रकार देखे गए जो उन्हें दोबारा संक्रमित कर रहे हैं.
नोएडा में दोनों हेल्थकेयर वर्कर एक-दूसरे के संपर्क में आए थे दोनों बिना लक्षण वाले हैं और अपने अपने घर में आइसोलेट हैं.
अब ये बात एक्सपर्ट्स को सोचने पर मजबूर कर रही है कि दोबारा ये वायरस कैसे लोगों पर असर कर रहा है.
14 प्रतिशत लोगों में दोबारा से दिख सकता है संक्रमण
व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोना वायरस से हमेशा के लिए लड़ने के लिए तैयार नहीं हो पाती और जैसे ही व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर पड़ती है तो पहले से शरीर में मौजूद वायरस शरीर पर हमला कर देता है.
ऐसे में मरीज दोबारा से संक्रमित हो जाता है. जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुके 14 प्रतिशत लोगों में दोबारा से संक्रमण दिख सकता है.
नोएडा के साथ-साथ दिल्ली, मुंबई और तेलंगना से भी ऐसे मामले आने से कोरोना वायरस ने एक बार फिर से लोगों में चिंता बढ़ा दी है.
कोविड-19 से ठीक होने के बाद कुछ लोग थोड़े समय के भीतर ही कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित हो गए.
इस पर वैज्ञानिकों के एक तबके का कहना है कि दोबारा संक्रमित होना कोई अचरज भरी बात नहीं है, ये एक सामान्य प्राकृतिक घटना है. लेकिन एक दूसरे वर्ग की राय है कि कोरोना वायरस शरीर में दोबारा सक्रिय होने से पहले कहीं दुबककर छुप जाता है. अब सवाल ये नहीं है कि आप इम्यून हो पाएंगे या नहीं, बल्कि ये है कि कब तक इम्यून रह पाएंगे. ये तय है कि इम्युनिटी जीवन भर बरकरार रहने वाली चीज नहीं है.
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