स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर सबसे अच्छी खबर जल्द मिलने वाली है क्योंकि देश के 12 संस्थानों में इस वैक्सीन पर मानव परीक्षण का काम शुरू हो गया है. दिल्ली एम्स में आज से कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल होने जा रहा है.
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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण के मामले 11 लाख के आंकड़े को पार कर चुके हैं. दुनिया में एक करोड़ चालीस लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं. ऐसे में अब लोगों की उम्मीद कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से है. हर कोई सवाल कर रहा है कि आखिर कोरोना की वैक्सीन कब आएगी. कोरोना वैक्सीन से जुड़ी बड़ी खबर दिल्ली एम्स से है. दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में आज से कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल होने जा रहा है. 100 लोगों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. यह देश में अब तक का सबसे बड़ा मानवीय परीक्षण होगा.
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर सबसे अच्छी खबर जल्द मिलने वाली है क्योंकि देश के 12 संस्थानों में इस वैक्सीन पर मानव परीक्षण का काम शुरू हो गया है. जिन 12 संस्थानों में कोरोना वैक्सीन को लेकर मानव परीक्षण का काम चल रहा है, उनमें दिल्ली और पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स और हरियाणा के रोहतक का पीजीआई भी शामिल है. स्वदेशी कोरोना वायरस पर सबसे बड़ा परीक्षण दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आज शुरू होगा. ये परीक्षण कुल 375 लोगों पर होना है. इनमें 100 वॉलिटियर पर परीक्षण होगा.
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आईसीएमआर और भारत बायोटेक मिलकर कोरोनावायरस के लिए जो वैक्सीन बना रहे हैं. उसके मानव परीक्षण में कुल 375 वॉलिंटियर पर ये ट्रायल किए जाएंगे. तीन चरणों में होने वाले इस ट्रायल में पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है और शुरुआती नतीजे वैज्ञानिकों के लिए उत्साहवर्धक हैं.
अगर आप 18 से 55 साल तक की उम्र के हैं और शारीरिक तौर पर स्वस्थ हैं, दिल्ली या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहते हैं तो 7428847499 पर कॉल करके या फिर sms करके या ctaiims.covid19@gmail.com पर मेल करके आप भी इस परीक्षण का हिस्सा बन सकते हैं.
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दिल्ली एम्स के साथ-साथ पटना एम्स में भी कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. एम्स पटना में 10 वॉलेंटियर को ये वैक्सीन दी गई है. पटना एम्स में वैक्सीन परीक्षण में शामिल किसी भी भी वॉलेंटियर में कोई साइड इफेक्ट होने की जानकारी अब तक नहीं है. इससे पहले हरियाणा में रोहतक के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. यहां डाक्टरों ने तीन वॉलिंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी है.
ऐसे होता है मानवीय परीक्षण
- परीक्षण के लिए लोगों को जानकारी दी जाती है.
- स्वेच्छा से जो आना चाहते हैं, उन पर परीक्षण होता है.
- जिस बीमारी का परीक्षण किया जाना है, उससे वे संक्रमित न हों.
- वॉलेंटियर पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए.
- वॉलेंटियर मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना चाहिए.
- परीक्षण के दौरान कई नियमों को मानना होता है.