देश के सबसे बेहतरीन आधुनिक चिकित्सा सेवा संस्थान एम्स (AIIMS) में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की 'Covaxin' के तीसरे क्लिनिकल ट्रायल के अंतर्गत लोगों को वैक्सीन दी जा रही है.
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दिल्ली: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की काट ढूंढने के लिए देश में टीकाकरण अभियान का काम आखिरी दौर में पहुंच गया है. माना जा रहा है कि नए साल के पहले महीने में कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) देने का काम शुरू हो जाएगा. इस कड़ी से जुड़े सबसे अहम काम यानी वैक्सीन के ट्रायल को लेकर दिल्ली से राहत की खबर सामने आई है.
'Covaxin' के ट्रायल में आई तेजी
देश के सबसे बेहतरीन आधुनिक चिकित्सा सेवा संस्थान एम्स (AIIMS) में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की 'Covaxin' के तीसरे क्लिनिकल ट्रायल के अंतर्गत लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. एम्स उन संस्थानों में से एक है, जहां वैक्सीन को लेकर अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है.
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फेज थ्री के ट्रायल के लिए करीब 2000 वॉलंटियर्स की जरूरत है. अभी तक ट्रायल के इस काम की रफ्तार धीमी थी. लेकिन राहत की बात ये है कि अब बड़ी संख्या में लोग पार्टिसिपेट कर रहे हैं.
एम्स के प्रोफेसर और वैक्सीन ट्रायल के मुख्य जांचकर्ता डॉ. संजय राय ने बताया, 'कोवैक्सीन' (Covaxin) के अंतिम चरण के ट्रायल के लिए हमें 1500 से 2000 वॉलंटियर्स की जरूरत है, लेकिन 17 दिसंबर तक हमारे पास इनकी संख्या केवल 200 ही हो पाई थी.
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इसलिए ट्रायल से बच रहे थे लोग
लोग यह सोच कर ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए तैयार नहीं हैं कि जब सभी के लिए जल्द ही एक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी, तो फिर वो इस ट्रायल में शामिल होकर क्यों खतरा उठाएं.
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