जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से ईडी पूछताछ कर रही है. ईडी की यह जांच 2015 में सीबीआई द्वारा कई करोड़ के घोटाले को लेकर हुई दर्ज एफआईआर पर आधारित है.
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ई दिल्ली/ श्रीनगर: क्रिकेट एसोसिएशन स्केम (Cricket Association scam ) मामले में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Former Jammu and Kashmir CM Farooq Abdullah) पर एक बार फिर शिकंजा कसता दिख रहा है. 43.69 करोड़ रुपए के गबन से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (Enforcement Directorate) श्रीनगर दफ्तर में पूछताछ कर रही है. साल 2015 में सीबीआई (CBI) द्वारा कई करोड़ के घोटाले के दर्ज मामले के आधार पर ईडी जांच कर रही है.
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जांच एजेंसी ने एक साल पहले मांगे थे कागज
क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े घोटाला मामले में पहले भी मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ हो चुकी है. पिछली बार जब चंडीगढ़ दफ्तर में फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ हुई थी तब जांच एजेंसी ने उनसे कई जरूरी दस्तावेज मांगे थे. तब फारूक अब्दुल्ला द्वारा 15 दिनों का समय मांगा गया था. मामले में एक साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी फारूक अब्दुल्ला ने जांच एजेंसी को कोई भी पेपर नहीं सौंपे हैं.
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असहोयग बन रहा गले की फांस
बता दें कि क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े मामले में साल 2015 में सीबीआई द्वारा कई करोड़ के घोटाले का मामदाल दर्ज किया गया था. सीबीआई द्वारा दर्ज मामले को आधार बनाते हुए ही ईडी ने ये मामला दर्ज किया है. जिसमें अब्दुल्ला द्वारा किया जा रहा असहोयग उनके गले की फांस बनता जा रहा है. सीबीआई ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ के कोष में अनियमितताओं और गबन के मामले में फारूक अब्दुल्ला और तीन अन्य के खिलाफ श्रीनगर की एक अदालत में कुछ समय पहले आरोप पत्र दाखिल किया था. उसी केस के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों तहत ईडी यह पूछताछ कर रही है
43.69 करोड़ रुपए का गबन
बीसीसीआई (BCCI) ने साल 2002 से 2011 के बीच राज्य में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपए दिए थे. आरोपियों ने इस रकम में से 43.69 करोड़ रुपए का गबन कर लिया. इस मामले में जांच एजेंसी ने जेकेसीए के तत्कालीन अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जेएंडके बैंक के एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया. जिसके बाद ईडी ने भी मनी लांड्रिंग की धाराओं के तहत तफ्तीश शुरू की थी.