केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मनसुख मंडाविया ने भी आज उद्योग जगत के नेताओं के साथ चक्रवाती तूफान तौकते के संभावित प्रभाव और उसी का सामना करने की तैयारी के बारे में बातचीत की. उन्होने कहा कि बिजली पर प्रमुख फोकस करना होगा, क्योंकि सुरक्षा कारणों से इसे कुछ समय के लिए बंद करना पड़ता है.
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नई दिल्ली: केरल, कर्नाटक और गोवा के तटीय इलाकों में रविवार को तबाही मचाने के बाद चक्रवात तौकते (Cyclone Tauktae) उत्तर में गुजरात (Gujarat) की ओर बढ़ गया. चक्रवात के चलते तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ ही भारी बारिश हुई और समुद्र में ऊंची लहरें उठीं, जिसके कारण हुई घटनाओं की चपेट में आकर 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घरों का नुकसान पहुंचा और बिजली के खंभे एवं पेड़ उखड़ गए तथा लोगों को घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान तौकते अगले 24 घंटे में और तीव्र हो सकता है. इसके सोमवार शाम तक गुजरात के तट पर पहुंचने की संभावना है. IMD के मुताबिक, चक्रवात मंगलवार तड़के तक पोरबंदर और भावनगर जिले में महुवा के बीच राज्य के तट को पार सकता है. ज्ञात हो की गुजरात में निचले तटीय इलाकों से करीब डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की 54 टीमों को तैनात किया गया है.
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वहीं, मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि चक्रवात तौकते के चलते 17 मई को महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई, उत्तरी कोंकण, ठाणे और पालघर के हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने रायगढ़ में सोमवार को अत्यधिक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. उधर चक्रवात संबंधी घटनाओं की चपेट में आकर कर्नाटक के उत्तर कन्नड़, उडुपी, चिकमगलूर और शिवमोगा जिलों में 4 लोगों की मौत हो गई. चक्रवात के तबाही मचा कर केरल के तट से दूर जाने के बावजूद राज्य के बांधों में रविवार को जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई.
IMD ने तीन जिलों एर्नाकुलम, इडुक्की और मालप्पुरम के लिए रविवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसका मतलब है इन जिलों में भारी बारिश हो सकती है. मध्य केरल के जिलों में कई बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की सूचना है जिस वजह से अधिकारियों ने चेतावनी दी है. त्रिशूर प्रशासन ने कहा कि पेरिंगलकुथु बांध का जल स्तर 419.41 मीटर के पार जाता है तो बांध के शटर उठा दिए जाएंगे. एक बयान में प्रशासन ने चलकुडी नदी के तट पर रहने वाले लोगों से सतर्क रहने को कहा है.
जिला अधिकारियों ने कहा कि जल स्तर बढ़ने पर इडुक्की जिले में मलनकरा बांध के शटर रविवार को खोल दिए जाएंगे. तटीय इलाकों में समंदर की ऊंची लहरें तबाही मचा रही हैं. तटीय इलाकों और निचले क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है. इसके अलावा भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने एर्नाकुलम जिले के तटीय गांव चेल्लानेम में अपने गोताखोर एवं त्वरित प्रतिक्रिया टीमें तैनात की हैं. राज्य सरकार के मुताबिक, कम से कम 9 जिले समुद्र के अशांत होने से प्रभावित हैं.
उधर, गोवा (Goa) में रविवार सुबह से ही तेज हवाओं के साथ भारी बारिश शुरू हो गई. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने कहा कि चक्रवात संबंधी घटनाओं के चलते गोवा में 2 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान का सबसे अधिक असर उत्तर गोवा जिले की बारदेज तालुका और दक्षिण गोवा के मडगांव में महसूस किया गया. अधिकारियों ने बताया कि गोवा में तेज हवाओं के चलते कई जगहों पर बिजली के खंभे उखड़ गए, जिससे राज्य के कई भागों में बिजली आपूर्ति बाधित रही.
सीएम ने कहा कि गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कुछ देर के लिए आपूर्ति प्रभावित हुई, जहां कोविड-19 मरीज उपचाराधीन हैं. अस्पताल की ऑक्सीजन आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता था, लेकिन इससे बचाव के मद्देनजर शनिवार को ही ऑक्सीजन टैंक स्थापित किया गया था. सावंत ने कहा, 'चक्रवाती हवाओं के चलते सैकड़ों घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. पेड़ उखड़ जाने के कारण कई जगहों पर राजमार्ग बाधित हुए. हालांकि, आपदा प्रबंधन दलों ने मार्गों को जल्द ही साफ कर लिया.'
इस बीच, कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा रविवार सुबह जारी स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़, कोडागु, शिवमोगा, चिकमंगलुरू और हासन जिलों के 73 गांव और 17 तालुका चक्रवात से अभी तक प्रभावित हुए हैं. अभी तक 318 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है और 11 राहत शिविरों में 298 लोगों को रखा गया है. इसमें बताया गया कि 112 घर, 139 खंभे, 22 ट्रांसफॉर्मर, चार हेक्टेयर बागान को क्षति हुई है.
मुख्यमंत्री के दफ्तर ने एक बयान में कहा कि येदियुरप्पा ने तटीय जिलों के प्रभारी मंत्रियों तथा उपायुक्तों से रविवार को बात की और स्थिति का जायजा लिया. नई दिल्ली में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (NDRF) की रविवार को हुई बैठक में देश के शीर्ष नौकरशाह ने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि चक्रवात तौकते के कारण प्रभावित राज्यों में कोविड अस्पतालों का कामकाज निर्बाध रूप से चलता रहे और कोई जनहानि न हो. केंद्र व राज्यों की एजेंसियों की तैयारी की समीक्षा करते हुए गौबा ने कहा कि चक्रवात प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिये सभी उपाय किए जाने चाहिए, जिससे किसी तरह की जनहानि या नुकसान न हो.
गौबा ने कहा, 'अस्पतालों और कोविड-19 केंद्रों के संचालन में किसी भी तरह की बाधा से बचने और मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने होंगे.' उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने रविवार को कहा कि चक्रवात तौकते के मद्देनजर राज्य के तटीय जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, और राज्य प्रशासन ने कोविड-19 अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है. ठाकरे ने चक्रवातीय तूफान से निपटने की तैयारी के सिलसिले में हुई डिजिटल बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह को यह जानकारी दी.
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