दिल्ली: उपचुनाव में BJP की बड़ी जीत, ज़मानत भी नहीं बचा सकी AAP
राजौरी विधानसभा सीट पर गुरुवार को हुए उपचुनाव नतीजे में भाजपा के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत हासिल कर ली है. उन्होंने 14,652 से अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को शिकस्त दी.
नई दिल्ली: राजौरी विधानसभा सीट पर गुरुवार को उपचुनाव नतीजे में भाजपा के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत हासिल की. उन्होंने 14,652 से अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को शिकस्त हराया.
दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 25,950 मत मिले, जबकि आम आदमी पार्टी 10243 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रही. कांग्रेस की ओर से मीनाक्षी चंदेला और आम आदमी पार्टी की ओर से हरजीत सिंह चुनावी मैदान में खड़े हुए थे
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आप की जमानत जब्त
मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई और लगभग 12 बजे परिणाम आ गया था. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा अकाली उम्मीदवार सिरसा को कांग्रेस उम्मीदवार मीनाक्षी चंदीला के मुकाबले लगभग 15 हजार मतों से जीत हासिल हुयी जबकि हरजीत सिंह महज 10 हजार मत मिलने के साथ ही तीसरे स्थान पर रहे। वह जमानत बचाने के लिये जरूरी कुल वैध मतों का 16 प्रतिशत भी हासिल नहीं कर सके।
दिल्ली विस में भाजपा की संख्या 3 से चार
इसके साथ ही 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा अकाली गठबंधन के विधायकों की संख्या तीन से बढ़कर चार हो गयी है। जबकि आप 67 से सिमट कर 66 पर आ गयी है।
2015 में जरनैल सिंह ने सिरसा को दी थी मात
साल 2015 के चुनाव में आप उम्मीदवार जरनैल सिंह ने सिरसा को 10 हजार मतों से हराया था। पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार धनवंती चंदीला महज 8 प्रतिशत वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहीं थी। जबकि दो साल बाद हुये उपचुनाव में चंदीला की पुत्रवधू मीनाक्षी चंदीला के प्रत्याशी रहते कांग्रेस के मत प्रतिशत में 21 फीसदी उछाल के साथ यह 33 प्रतिशत हो गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इसे उपलब्धि बताते हुये निगम चुनाव के लिये बेहतर संकेत बताया है।
जरनैल सिंह के इस्तीफा से खाली हुई थी सीट
यह सीट साल 2017 के शुरू में आप विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफा देने से रिक्त हुई थी. जनरैल सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था.
नौ अप्रैल को हुआ था उपचुनाव
इस सीट पर नौ अप्रैल को उपचुनाव हुआ था. पश्चिम दिल्ली की इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 1.6 लाख से अधिक है और नौ अप्रैल को करीब 47 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.