कथित फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की पुलिस हिरासत की अवधि दो दिन के लिये बढ़ा दी। पुलिस ने कथित फर्जी डिग्री मामले में तोमर की 11 दिन की हिरासत मांगी थी।
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नई दिल्ली : कथित फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की पुलिस हिरासत की अवधि दो दिन के लिये बढ़ा दी। पुलिस ने कथित फर्जी डिग्री मामले में तोमर की 11 दिन की हिरासत मांगी थी।
दिल्ली पुलिस ने तोमर की पुलिस हिरासत आज खत्म होने के बाद उन्हें साकेत कोर्ट में पेश किया। तोमर की 4 दिन की पुलिस हिरासत आज समाप्त हुई। पिछले 3 दिनों के दौरान दिल्ली पुलिस जांच के लिए तोमर को यूपी के फैजाबाद और बिहार के मुंगेर और भागलुपर लेकर गई थी।
पुलिस ने यह भी कहा कि यह पता लगाने के लिए भी तोमर की पुलिस हिरासत जरूरी है कि फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र हासिल करने में उनके साथ किन लोगों की मिलीभगत थी।
इसने अदालत से कहा, ‘उनके (तोमर के) द्वारा पेश किया गया हर दस्तावेज फर्जी है और यह जांच किए जाने की आवश्यकता है कि किन लोगों की मिलीभगत से तोमर ने ये दस्तावेज हासिल किए।’ पुलिस ने यह भी कहा कि मामले में ‘प्रथम दृष्टया’ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत भी आरोप लगाए जाने की संभावना है।
इसने आरोप लगाया कि तिलका माझी यूनिवर्सिटी, भागलपुर, बिहार का रिकॉर्ड ‘फाड़ दिया गया जिससे तोमर के साथ यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मिलीभगत का पता चलता है’ और इसके चलते भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत आरोप लगाए जा सकते हैं।
पुलिस ने कहा कि बहुत से दस्तावेजों की जांच की जानी है और पूर्व में दिया गया चार दिन का रिमांड पर्याप्त नहीं था क्योंकि तीन हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा करने में लगभग 45 घंटे निकल गए। अपने द्वारा की गई जांच का ब्यौरा देते हुए पुलिस ने कहा, ‘बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से जारी तोमर का माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी फर्जी है और हमें वहां जाने तथा इस कोण की जांच करने की आवश्यकता है।’
पुलिस के आग्रह का विरोध करते हुए तोमर के वकील राजीव खोसला ने कहा कि पुलिस पहले ही सभी स्थानों पर जा चुकी है तथा दस्तावेजों को कब्जे में ले चुकी है। खोसला ने कहा कि तोमर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और रिमांड बढ़वाने का एकमात्र उद्देश्य ‘उन्हें प्रताड़ित करना है क्योंकि पुलिस पूरी तरह से पक्षपाती है तथा किसी के इशारे पर काम कर रही है।’
अदालत में मौजूद तोमर ने अदालत से कहा कि पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है तथा सभी दस्तावेज पहले ही बरामद किए जा चुके हैं, इसलिए पुलिस रिमांड बढ़ाए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि चार दिन की हिरासत के दौरान उनके वकील को उनके साथ मौजूद रहने की अनुमति नहीं दी गई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)