दिल्ली: निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर रोक, संस्कृति स्कूल को पूर्व में मिली अनुमति भी रद्द
सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ विचार-विमर्श के उपरांत संस्कृति स्कूल में किसी भी प्रकार की फीस वृद्धि पर पूर्णतया रोक लगा दी गई है.
नई दिल्ली: कोरोना काल में फीस बढ़ोतरी (School Fee Hike) मुद्दे पर दिल्ली सरकार (Delhi Government) पेरेंट्स के साथ खड़ी हो गई है. दिल्ली शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने गुरुवार को कहा कि किसी भी प्राइवेट स्कूल को फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं है. वहीं संस्कृति स्कूल को पूर्व में दी गई फीस बढ़ाने की अनुमति को भी वापस ले लिया गया है. सिसोदिया ने साफ किया कि फीस बढ़ोतरी मामले में किसी भी दबाव के आगे केजरीवाल सरकार नहीं झुकेगी.
सिसोदिया ने कहा कि संस्कृति स्कूल की फीस में लगभग 75 फीसदी की वृद्धि पूरी तरह से गलत है. इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ विचार-विमर्श के उपरांत संस्कृति स्कूल में किसी भी प्रकार की फीस वृद्धि पर पूर्णतया रोक लगा दी गई है. सिसोदिया के अनुसार इस संबंध में कुछ चीजों की अनदेखी करके पूर्व में दी गई अनुमति को भी वापस ले लिया गया है.
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स्कूलों में जीएएपी नामक प्रणाली के तहत एकाउंटिंग और ऑडिट की विशेष प्रणाली का पालन करना जरूरी होता है. लेकिन संस्कृति स्कूल ने इसका पालन नहीं किया. वर्ष 2017-18 में इस विद्यालय के पास सरप्लस राशि उपलब्ध होने के कारण फीस बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है. वर्ष 2017-18 में इस विद्यालय को फीस वृद्धि का प्रस्ताव रद्द करते हुए निर्देश दिया गया था कि शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन का भुगतान स्कूल की सरप्लस राशि से की जाए तथा इसका बोझ बच्चों पर न डाला जाए. लेकिन स्कूल ने इस निर्देश का अनुपालन नहीं किया.
हर स्कूल को स्थापना की अनुमति तभी मिलती है जब उसके पास स्टाफ के लिए तीन माह की सैलरी फिक्स डिपोजिट हो. लिहाजा, अब उस राशि के लिए फीस बढ़ाने की मांग अनुचित है, क्योंकि वह राशि तो स्कूल की स्थापना के समय से ही फिक्स डिपोजिट के रूप में जमा है. दिल्ली सरकार द्वारा गठित अनिल देव सिंह कमेटी ने वर्ष 2010 से 2012 तक प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस की राशि वापस कराई थी. अब संस्कृति स्कूल चाहता है कि उस लौटाई गई राशि को स्कूल के खर्च के रूप में दिखाकर बच्चों से उसकी वसूली की जाए. जबकि पहले ज्यादा वसूली गई राशि को खर्च के तौर पर दिखाने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
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डवलपमेंट फंड को भी अलग एकाउंट में जमा करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है. इन वजहों से संस्कृति स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. कोरोना महामारी के कारण वैसे भी ट्यूशन फीस के अलावा अन्य राशि वसूलने पर रोक लगी है. इसके बावजूद संस्कृति द्वारा फीस बढ़ाने के कारण अभिभावक परेशान हैं. स्कूल के पक्ष में बड़े-बड़े लोगों की तरफ से काफी दबाव आ रहा है. लेकिन केजरीवाल सरकार किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगी. आज विचार विमर्श में सीएम केजरीवाल ने साफ शब्दों में कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार हर हाल में बच्चों और अभिभावकों के साथ खड़ी रहेगी.
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