नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे और इस मुलाकात के दौरान वह नौकरशाहों की नियुक्ति जैसे मुद्दों तथा उपराज्यपाल नजीब जंग की ओर से अन्य ‘एकतरफा कार्रवाई’ के मुद्दों को उठाएंगे। दूसरी ओर, उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ अपनी तीखी तकरार के बीच आप सरकार ने सोमवार रात अपने सभी अधिकारियों को उपराज्यपाल या उनके कार्यालय से मिले किसी मौखिक या लिखित निर्देश का पालन करने से पहले मुख्यमंत्री या संबद्ध मंत्री को अवगत कराने को कहा है।


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जानकारी के अनुसार, केजरीवाल के कार्यालय ने कहा कि यह बैठक मंगलवार छह बजे शाम में होगी। बीते शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल के साथ अपने विवाद के बाद मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था।


सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल राष्ट्रपति के साथ अपनी इस मुलाकात के दौरान नौकरशाहों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन सहित चुनी हुई सरकार की राय को नजरअंदाज कर उपराज्यपाल की ओर से लिए गए सभी ‘एकतरफा फैसलों’ को सामने रखेंगे। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल उपराज्यपाल के कार्यालय की भूमिका और क्षेत्राधिकार पर भी चर्चा करेंगे। कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति के मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है।


उधर, दिल्ली की आप सरकार ने सोमवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से टकराव को और बढ़ाते हुए उन्हें साफ कह दिया कि कुछ मुख्य पदों पर नियुक्ति के उनके आदेश ‘असंवैधानिक’ हैं और उनका पालन नहीं किया जाएगा। जंग को लिखे पत्र में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरे मामले से अवगत कराएंगे। अहम बात है कि केजरीवाल इस मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर सकते हैं। सिसोदिया ने पत्र में लिखा, आपके निर्देश कानून के प्रावधानों और संविधान के खिलाफ हैं और इसलिए उनका पालन नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं। कुछ घंटे पहले ही जंग ने अनिंदो मजूमदार की जगह सेवा विभाग में प्रधान सचिव के तौर पर राजेंद्र कुमार की नियुक्ति को खारिज कर दिया था। केजरीवाल के निर्देशों पर सोमवार सुबह मजूमदार के दफ्तर में ताला डाल दिया गया। मजूमदार को शनिवार को पद से हटा दिया गया था लेकिन उपराज्यपाल ने उन्हें बहाल कर दिया था।