दिल्ली के सबसे बड़े गाजीपुर मुर्गा मंडी में अब नहीं कटेंगे मुर्गे...
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दिल्ली के सबसे बड़े गाजीपुर मुर्गा मंडी में अब नहीं कटेंगे मुर्गे...

चीफ जस्टिस ने कहा कि परिस्थितियों और अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं करने की वजह से कोर्ट ने यह फैसला लिया है.

अब मंडी में सिर्फ पक्षियों की बिक्री की अनुमति होगी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को गाजीपुर मुर्गा मंडी में मुर्गा-मुर्गियों को मारने पर बैन लगा दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मंडी में सिर्फ जीवित मुर्गे-मुर्गियों की ही बिक्री होगी. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी के राव ने कहा कि परिस्थितियों और अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं करने की वजह से हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है कि गाजीपुर मुर्गा मंडी में मुर्गे-मुर्गियों के मारने पर रोक लगा दी जाए. अब पक्षियों को मारने की अनुमति नहीं होगी. पक्षियों की सिर्फ बिक्री की अनुमति होगी.' 

एक  सप्ताह के भीतर आदेश पर अमल करने के आदेश
हाईकोर्ट ने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर इस आदेश पर अमल के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. बता दें, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है. इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि गाजीपुर मंडी में गैर कानूनी तरीके से मुर्गे-मुर्गियों का कारोबार होता है और उन्हें यहां मारा जाता है. 

बूचड़खाना स्थापित करने की योजना पेश करे प्रशासन
कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि इस क्षेत्र में विशेष रूप से मुर्गा-मुर्गियों को मारने वाले एक बूचड़खाना स्थापित करने की योजना पेश करें और ऐसा होने तक यह अंतरिम आदेश लागू रहेगा. जस्टिस मेनन और जस्टिस वीके राव की बेंच ने यह भी कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 20 अप्रैल को मंडी के निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट में अनेक उल्लंघनों का जिक्र किया था.

महामारी की भी आशंका
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि मंडी में मुर्गा को काटने से पहले किसी तरह का चेकअप नहीं होता है. इसकी वजह से किसी भी वक्त महामारी फैल सकती है. सफाई को लेकर भी मंडी में उचित व्यवस्था नहीं है. प्रदूषण के मद्देनजर राज्‍य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से भी हलफनामा दाखिल किया गया था.

अप्रैल महीने में ही लगाया गया था बैन
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के हलफनामे में कहा गया कि गाजीपुर मुर्गा मंडी में अप्रैल महीने में ही मुर्गा के काटने पर बैन लगाया गया था, लेकिन आदेश पालन नहीं होने की स्थिति में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने सख्त आदेश दिया है.

(इनपुट-भाषा)

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