नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मेंहदावल से अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल को एक मीटिंग में जूते से पीटने वाले संत कबीरनगर से बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी होली के मौके पर हंसी-मजाक के अंदाज में नजर आए. इस मामले को लेकर जब कवि कुमार विश्वास ने अपनी दो पंक्तियों से चुटकी ली तो सांसद त्रिपाठी ने ट्विटर पर उनको रिप्लाई करते हुए लिखा, 'बुरा न मानो होली है.'


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हर साल की तरह होली पर कवि कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में 'जोगीरा सा रा रा रा रा...' के माध्यम से सम-सामयिक मुद्दों पर हास-परिहास में कई कटाक्ष किए. इसी कड़ी में जब विश्वास ने अपने ट्विटर पर लिखा, ''पीएम बोले बूथ मगर नेता जी समझे बूट, भरी सभा में सांसद जी ने दिया विधायक कूट...जोगीरा सा रा रा रा रा''



इसे पढ़कर सांसद शरद त्रिपाठी से रहा न गया और उन्होंने रीट्वीट करते हुए लिखा, ''बुरा न मानो होली है.'' तपाक से इसके जवाब में कुमार विश्वास लिखते हैं, ''हा हा हा... शरद बाबू आपसे बुरा मान कर कहां जाएंगे''   



दरअसल, उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी ने बुधवार को जिला कार्ययोजना की बैठक में अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल की जूतों से पिटाई कर दी थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच जमकर हाथापाई और जूतमपैजार हुई. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.


दरअसल, कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक चल रही थी. जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन मौजूद थे. इसी बीच संत कबीरनगर से बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल से भाजपा विधायक बघेल के बीच सडक निर्माण का श्रेय लेने को लेकर कहासुनी हो गयी. संत कबीर नगर से सांसद शरद त्रिपाठी ने विधायक राकेश सिंह बघेल से एक शिलापट पर उनका नाम नहीं लिखने के बारे में पूछा. इस पर विधायक राकेश सिंह बघेल ने कुछ अटपटा सा जवाब दे दिया. इससे सांसद तिलमिला गए. शरद त्रिपाठी ने कहा कि मैं सांसद हूं तो मेरा नाम शिलापट पर होना ही चाहिए था.


विवाद कहासुनी तक ही सीमित नहीं रहा और सांसद शरद त्रिपाठी ने अपना जूता निकाल कर पास ही बैठे विधायक राकेश सिंह पर चलाने शुरू कर दिए.  इसी बीच विधायक राकेश सिंह ने भी सांसद पर कई थप्पड़ बरसा दिए. अचानक हुई इस घटना से वहां बैठे लोग सन्न रह गए. किसी को कुछ भी समझ में आता इससे पहले ही दोनों नेता आपस में बुरी तरह उलझ गए.


प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह बीच-बचाव कर उन्हें अलग किया गया. बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच काफी लंबे समय से विवाद चल रहा था.


इस पूरे मसले पर सांसद शरद त्रिपाठी की प्रतिक्रिया भी सामने आई. सांसद त्रिपाठी ने कहा, "घटना के लिए खेद है और मुझे बुरा लग रहा है. जो कुछ भी हुआ, वह मेरे सामान्य व्यवहार से अलग था."