नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के जामा मस्जिद इलाके में कस्तूरबा गांधी अस्पताल में पीजी की पढ़ाई कर रही एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. उसकी मौत इजेक्शन के ओवरडोज से बताई जा रही है. हालांकि मृतका के पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने मौत के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है. परिजनों का कहना है कि दादी के देहांत के बाद से वह काफी डिप्रेशन में थी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर उसके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी है..


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पुलिस के मुताबिक, महिला डॉक्टर की पहचान वी. मोनिका (26 ) के रूप में हुई है. वह मूलत: तेलंगाना की रहने वाली थी. परिवार में माता-पिता के अलावा और भी लोग हैं. वह प्रसूति विभाग में पीजी छात्रा थी और सेकंड ईयर एग्जाम की तैयारी कर रही थी. शुक्रवार सुबह करीब पौने ग्यारह बजे पुलिस को घटना की जानकारी मिली. मौके पर पहुंची पुलिस को इजेक्शन मिले, जिसे पुलिस ने जांच के लिए भेज दिया है.


पुलिस ने बताया कि उसके पास से एक पन्ने का सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने खुदकुशी के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. डॉक्टर ने लिखा, ''मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. मम्मी डैडी आई लव यू...'' इसके अलावा भाई बहनों और जानकारों के लिए सॉरी लिखा है. पुलिस ने घटना की जानकारी उसके परिवार वालों को दी.



परिवार वालों ने बताया कि 11 नवंबर को मोनिका की दादी की हार्टअटैक से मौत हो गई थी. मोनिका अपनी दादी से काफी प्यार करती थी. दादी की तबियत खराब होने के बाद वह तेलंगाना आकर उसकी सेवा की थी. दादी की मौत के बाद वह डिप्रेशन में रहने लगी थी.