चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मौड़ मंडी ब्लास्ट मामले में जांच कर रही स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम को भंग कर दिया है और 2 हफ्तों में नई एसआईटी गठित करने के निर्देश दे दिए हैं. हाईकोर्ट ने अपने निर्देशों में स्पष्ट किया है कि डीजीपी लॉ एंड आर्डर ईश्वर सिंह की अध्यक्षता में नई एसआईटी गठित की जाए. डीआईजी रैंक से नीचे का अधिकारी सिट का मेंबर नहीं बनेगा और सुप्रोटिंग टीम में भी एस पी और डीएसपी रैंक के अफसर होने चाहिए. हाईकोर्ट ने नई एसआईटी को 3 महीने में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने के निर्देश दिए है.


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पटियाला के पातडां निवासी गुरजीत सिंह और अन्य याचिकाकर्ताओं के वकील रवनीत जोशी ने बताया कि 2017 से डीजीपी रणबीर खटडा की अध्यक्षता में बनी एसआईटी मामले की जांच कर रही थी लेकिन अब तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई बल्कि ज्यातादर आरोपियों को आरोपी घोषित कर दिया गया. एसआईटी ने हाईकोर्ट में जांच से जुड़ी अब तक दो रिपोर्ट दाखिल की. एसआईटी की जांच पर असतुष्टि ज़ाहिर करते हुए हाईकोर्ट ने पुरानी एसआईटी को भंग करते हुए नई एसआईटी को गठित करने के निर्देश दिए है.


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वकील रवनीत जोशी ने बताया कि धमाके में इस्तेमाल होने वाला वाहन डेरा की वीआईपी वर्कशॉप में तैयार किया गया था. इसके बाद से इस मामले की जांच आगे नहीं बढ़ाई गई. एसआईटी ने इस मामले में गुरमीत राम रहीम से कोई पूछताछ ही नहीं की. वकील जोशी ने कहा कि ब्लास्ट एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया था. लोगों की सहानुभूति हासिल करने और चुनावों में राजनीतिक दल को बदनाम करने की योजना से ऐसा किया गया लिहाजा उन्होनें याचिका में मांग की थी कि मामले की एनआईए या सीबीआई से जांच करवाई जाए. लेकिन फिलहाल हाईकोर्ट ने नई एसआईटी के गठन के निर्देश दे दिए है.


बता दें पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जनवरी 2017 में मौड मंडी में हुए बम धमाके में करीब 7 लोगों की मौत हुई थी और 25 लोग घायल हो गए थे लेकिन ढाई साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.