कांग्रेस छोड़ इस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं कुरड़ाराम, जल्द करेंगे ऐलान
Adampur Bypoll: 40 सालों से ज्यादा समय तक पार्टी के साथ रहे कांग्रेस नेता कुरड़ाराम नंबरदार ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने कहा कि वो उपचुनाव जरूर लड़ेंगे और एक पार्टी के संपर्क में भी हैं.
रोहित कुमार/हिसार: आदमपुर उपचुनाव के लिए BJP और AAP के बाद कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने आदमपुर से जयप्रकाश उर्फ जेपी को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं नाम के ऐलान होते ही 40 सालों से ज्यादा समय तक पार्टी के साथ रहे कांग्रेस नेता कुरड़ाराम नंबरदार ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है.
कुरड़ाराम के कांग्रेस छोड़ने की वजह
आदमपुर उपचुनाव के लिए कुरड़ाराम ने भी अपनी दावेदारी पेश की थी, उनके समर्थक भी उनके लिए टिकट की डिमांड कर रहे थे लेकिन कांग्रेस ने जयप्रकाश उर्फ जेपी को टिकट देने का ऐलान कर दिया. जयप्रकाश उर्फ जेपी को उम्मीदवार घोषित करते ही 40 साल से ज्यादा वक्त से कांग्रेस का साथ देने वाले कुरड़ाराम नम्बरदार ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है.
कुरड़ाराम ने कहा कि कांग्रेस में अब लोकतंत्र नहीं बचा है, भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा अपने फैसले सभी पर थोप रहे हैं, जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है. इसके साथ ही कुरड़ाराम ने कहा कि वो उपचुनाव जरूर लड़ेंगे और एक पार्टी के संपर्क में भी हैं. इस बीच कयास लगाए जै रहे हैं कि वो इनेलो की तरफ से चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी छोड़ने के बाद कुरड़ाराम ने भाजपा पार्टी के साथ साथ कुलदीप बिश्नोई और AAP को घेरने का काम भी किया.
कांग्रेस पार्टी में रहते हुए कुरड़ाराम ने बालसमंद एरिया में जल संघर्ष समिति को लीड करते हुए राजस्थान बॉर्डर से सटे इलाकों में पानी पहुंचाने के लिए आंदोलन भी किया. कुरड़ाराम ने तो कांग्रेस दफ्तर भी खोल लिया था, लेकिन जेपी को टिकट मिलने के बाद पोस्टर उतारे जाने के वीडियो भी सामने आए हैं.
दिलचस्प होगा आदमपुर उपचुनाव, बिश्नोई के चिरप्रतिद्वंद्वी को मैदान में उतारने की तैयारी में कांग्रेस!
1968 से भजनलाल परिवार का गढ़ रहा आदमपुर
आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा का दामन थाम लिया, जिसके बाद यहां पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं. इस सीट पर 1968 से लगातार भजनलाल परिवार का प्रत्याशी जीतता आ रहा है. इस बार भजनलाल की तीसरी पीढ़ी भव्य बिश्नोई मैदान में हैं. ऐसे में बिश्नोई परिवार के लिए इस सीट को बचाना एक बड़ी चुनौती होगी.