दिल्ली में एक तरफ आम आदमी पार्टी भाजपा पर आरोप लगा रही है कि बीजेपी आप के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी तरफ आप के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा कि पहले अरविंद केजरीवाल ने खुद ही अपने विधायकों को भाजपा के नाम पर फोन कराए थे.
Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा में वार पलटवार का सिलसिला जारी है. बीते दिनों दिल्ली में नई आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई (CBI) छापेमारी के बाद से इसने और ज्यादा तूल पकड़ लिया. आम आदमी पार्टी लगातार भाजपा पर हमलावर हो रही है, आप का कहना है कि भाजपा उनके विधायकों को तोड़ने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रही है. इस दौरान दिल्ली में शराब नीति को लेकर चल रहे विवाद पर आप के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने परमजीत कात्याल के एक पुराने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी थी.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में AAP विधायकों का दावा, BJP में आओ, 20 करोड़ ले जाओ, दूसरे MLA लाने पर 5 करोड़ बोनस
योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा कि परमजीत ने 7 साल पहले इस घटना के बारे में मुझे जानकारी दी थी. तब मैंने पूछताछ की और पाया कि उनकी बात पूरी तरह सच है. अरविंद केजरीवाल के आदेश पर दिसंबर 2013 में अपने ही MLA को बीजेपी के नाम पर फोन करवाए गए थे. ऐसी करतूतों के कारण हम लोगों का AAP नेतृत्व से मोहभंग हुआ था.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार की रात ट्विटर पर एक नया वीडियो शेयर किया. उन्होंने दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी पर तंज कसा है. अमित मालवीय ने अरविंद केजरीवाल से स्पष्टीकरण की भी मांग की कि जांच के आदेश के तुरंत बाद नई शराब आबकारी नीति को क्यों उलट दिया गया.
अमित मालवीय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि अगर अरविंद केजरीवाल सत्येंद्र जैन को पद्म विभूषण, सिसोदिया को भारत रत्न और खुद को ऑस्कर के लिए नामांकित करते हैं तो उन्हें यह बताना चाहिए कि जांच के आदेश के तुरंत बाद नई शराब आबकारी नीति को क्यों उलट दिया गया. इसके लिए कितनी रिश्वत मिली. दिल्ली सरकार को कुल कितना नुकसान हुआ?"
अमित मालवीय ने एक पुराना वीडियो भी शेयर किया जो साफतौर पर आप के पूर्व सचिव परमजीत सिंह कात्याल का है. इस वीडियो में उन्हें अरविंद केजरीवाल का मजाक उड़ाते हुए देखा जा सकता है. इसमें उन्होंने भाजपा पर AAP के 35 विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. परमजीत कात्याल ने दावा किया कि उन्हें और अन्य को अरुण जेटली और नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नाम पर आप विधायकों को पैसे के बदले पार्टी से अलग होने का ऑफर देने के लिए कहा गया था. कात्याल ने वीडियो में कहा कि मजेदार बात यह है कि जब हमने टीवी पर अरविंद केजरीवाल को यह कहते हुए देखा कि भाजपा उनके विधायकों को बुला रही है और उन्हें खरीदने की कोशिश कर रही है. उन्हें 35 लाख की पेशकश कर रही है. मुझे पहली बार एहसास हुआ मैं कुछ गलत कर रहा था.