Dada Saheb Phalke Award: हिंदी सिनेमा की महान अदाकारा आशा पारेख को साल 2022 के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जाएगा. इस बात की जानकारी आज खुद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने दी है. बता दें कि बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में काम करने वाली आशा पारेख 50 साल से ज्यादा समय से फिल्म जगत में सक्रिय हैं.
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Dada Saheb Phalke Award: 90s की सबसे मशहूर अदाकारा आशा पारेख (Asha Parekh) को साल दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dada Saheb Phalke) से सम्मानित किया जाएगा. इस बात की जानकारी आज सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने दी है. महज 10 साल की कम उम्र में फिल्मों में काम करने वाली आशा पारेख को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (National Film Award) समारोह में इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा.
मनोरंजन के क्षेत्र में आशा पारेख के योगदान के लिए भारत सरकार उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. 1992 में उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया गया था. इसके बाद 1998 से लेकर 2001 तक सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी है. आशा को इस सम्मान के लिए चुने जाने का फैसला पांच सदस्यीय ज्यूरी ने किया है. इस लिस्ट में आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लन, टीएस नागभरना और उदित नारायण के नाम शामिल थे.
10 साल की उम्र में शुरू किया करियर
बता दें कि आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर में 95 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं. इस साल 52वें दादा साहेब फाल्के सम्मान समारोह होने जा रहा है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) उन्हें इस सम्मान से नवाजेंगी. अनुराग ठाकुर ने एक्ट्रेस को इस सम्मान के लिए चुने जाने को गौरवपूर्ण बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में आगामी 30 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन होगा.
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उन्होंने ‘दिल देके देखो’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘कटी पतंग’, ‘लव इन टोक्यो’, ‘आया सावन झूम के’, ‘आन मिलो सजना’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में एक्टिंग की है. बतौर लीड एक्ट्रेस ‘दिल देके देखो’ उनकी पहली फिल्म थी. इतना ही नहीं फिल्म इंडस्ट्री में वो कलाकार, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर वह पिछले कई सालों से सक्रिय हैं.
पद्मश्री से हो चुकी हैं सम्मानित
आपको बता दें कि आशा पारेख को मनोरंजन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. भारत सरकार ने साल 1992 में उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया है. आशा पारेख साल 1998 से लेकर 2001 तक सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. आशा पारेख को इस सम्मान के लिए चुने जाने का फैसला पांच सदस्यीय ज्यूरी ने किया. इसमें आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लन, टीएस नागभरना और उदित नारायण शामिल थे.