8 साल में 8 बार AAP विधायकों के यहां छापे, इनमें सीबीआई-ED और ACB को क्या-क्या मिला?
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8 साल में 8 बार AAP विधायकों के यहां छापे, इनमें सीबीआई-ED और ACB को क्या-क्या मिला?

पिछले 8 साल में जांच एजेंसियों ने आम आदमी पार्टी के विधायकों और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के यहां 8 बार छापेमार कार्रवाई कर चुकी हैं.

8 साल में 8 बार AAP विधायकों के यहां छापे, इनमें सीबीआई-ED और ACB को क्या-क्या मिला?

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के यहां सीबीआई छापेमारी के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बीजेपी आरोप लगा रही है कि सिसोदिया ने शराब नीति में खूब घोटाला किया है. अगर दिल्ली की नई पॉलिसी में गड़बड़ी न होती तो फिर केजरीवाल सरकार इसे वापस क्यों लेती. वहीं सिसोदिया का कहना है कि मामला शराबनीति का है ही नहीं. दिल्ली की शराब नीति सबसे अच्छी थी. अगर ये चलती तो 10,0000 करोड़ का फायदा होता. लेकिन एलजी ने इस पर रोक लगवा दी.

दिल्ली की नई शराब नीति की आड़ में घोटाले को लेकर CBI ने कई बड़े दावे किए हैं. जांच एजेंसी ने बताया कि पटकथा दिल्ली नहीं, मुंबई में लिखी गई थी. मुंबई की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व CEO का नाम इसमें सामने आया है. CBI ने अपनी FIR में दावा किया है कि मुंबई की मेसर्स ओनली मच लाउडर एन एंटरटेनमेंट एंड इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व CEO विजय नायर ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के साथ नई शराब नीति को बानाया था. मनोज राय, ब्रिंडको सेल्स के अमनदीप ढल और इंडो स्प्रिट ग्रुप के एमडी समीर महेंद्रू ने इसमें उनकी सहायता की थी.

हालांकि आम आदमी पार्टी के मंत्रियों-विधायकों के खिलाफ ये कोई पहली कार्रवाई नहीं है. इससे पहले भी कई बार पार्टी के नेताओं के यहां छापेमारी हो चुकी है. 2015 से लेकर 2022 तक पार्टी के नेताओं पर कुल 8 बार रेड पड़ी है. ये रेड सीबीआई ने ही डाली है. 

AAP के विधायकों-मंत्रियों के यहां कितनी बार हुई कार्रवाई

1. सीबीआई ने पहली बार साल 2015 के दिसंबर में दिल्ली सीएम केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के ऑफिस में दबिश दी थी. CBI ने चार्जशीट में आरोप लगाया था कि कंपनी से साठगांठ के चलते राज्य को 12 करोड़ का नुकसान हुआ.

2. इसके अगले साल 2016 में 'टॉक टु एके' अभियान में गड़बडी पर CBI ने मंत्री सिसोदिया से पूछताछ की. हालांकि इसमें भी जांच एजेंसी के हाथ कुछ बड़ा नहीं लगा.

3. इसी साल 2016 में ही AAP विधायक अमानतुल्ला खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अमानुतल्ला पर 'अवैध' नियुक्तियों के मामले में CBI को केस चलाने की अनुमति मिली. 

4. साल 2018 के मई दिल्ली सीएम केजरीवाल के भतीजे विनय बंसल को भी जांच के दायरे में लिया गया था. बंसल के खिलाफ ACB ने FIR दर्ज की थी. बंसल पर लोक निर्माण विभाग में घोटाले का आरोप लगा अरेस्ट किया गया था. उन पर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल फर्म में 50 फीसदी हिस्सेदारी लेने का आरोप था. 

5. साल 2018 में ही दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत आयकर चोरी का आरोप लगा था. उनके घर और कार्यालय आयकर के कर में चोरी का आरोप लगाकर छापा था. इतना ही नहीं साल 2021 में 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में भी CBI उनके खिलाफ जांच हुई थी.

6. साल 2020 में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के OSD गोपालकृष्ण पर GST में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाकर छापा मारा था. बाद में CBI गिरफ्त ने अरेस्ट किया था. 

7. साल 2020 में एक डॉक्टर के आत्महत्या मामले में विधायक प्रकाश जारवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. 

8. साल 2022 के मई में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री मंत्री सत्येंद्र जैन को हवाला लेनदेन के आरोप में ED ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद उनकी पत्नी को के घर भी ईडी ने छापा मारा था, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. जैन अभी तक ईडी की हिरासत में हैं.

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