Chandigarh News: हरियाणा सरकार ने आशा वर्कर्स की मांगों को मान लिया है. वहीं अब सीएम के OSD ने विपक्ष पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि जितना मानदेय हरियाणा दे रहा है दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश दे सकता है.
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Chandigarh News: हरियाणा सरकार और आशा वर्कर्स के बीच समाधान हो गया है. वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के OSD जवाहर यादव का बयान सामने आया है. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आशा वर्कर्स को दिल्ली पंजाब और हिमाचल सरकार से भी पूछना चाहिए कि क्या वे उन्हें हरियाणा सरकार के बराबर मानदेय देंगे.
जवाहर यादव ने कहा कि आशा वर्कर केंद्र की योजनाओं के तहत काम करती हैं. 2014 में आशा वर्कर को 1000 मानदेय मिलता था, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बढ़ाकर 4000 किया और आज 6100 किया है. हरियाणा में इस बढ़ौतरी के बाद उनका मानदेय आज से बढ़कर 11,800 हो गया है. हरियाणा में आज से आशा वर्कर को देश में सबसे ज्यादा मानदेय मिलेगा.
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जवाहर यादव ने कहा कि हम मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने आशा वर्कर की मांगों को माना है. अब तक हरियाणा में रिटायरमेंट पर आशा वर्कर्स को कुछ नहीं मिलता. वहीं सीएम ने आज आशा वर्कर्स को रिटायरमेंट बेनिफिट के तौर पर 2 लाख रुपये देने की भी घोषणा की है. आशा वर्कर का मानदेय देश के हर राज्य से सबसे ज्यादा हो गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आशा वर्कर्स के पक्ष में एक बड़ा कदम उठाया है.
जवाहर यादव ने भूपेंद्र हुड्डा को लेकर कहा कि वे किस गलतफहमी में रहते हैं वो समझ से बाहर हैं. भूपेंद्र हुड्डा को लगता है कि जब आशा वर्कर्स को हुड्डा सरकार में 1000 रुपये मिलते थे, तब आशा वर्कर्स खुश थी और अब सरकार 6100 दे रही है तो आशा वर्कर्स दुखी है.
कांग्रेस राज्य में हरियाणा में दो फसलें एमएसपी पर खरीदी जाती थी, तब किसान खुश थे और आज हरियाणा सरकार 11 फसलें एमएसपी पर खरीद रही है तो अब किसान दुखी है. भूपेंद्र हुड्डा को पता ही नहीं है कि उन्हें बोलना क्या है.
जवाहर यादव ने कहा कि बैठक में आशा वर्कर्स ने आंदोलन खत्म करने पर सहमति दी है, बाकी फैसला उनकी कमेटी करेगी. आशा वर्कर केंद्र सरकार की योजना से लगी हुई है, जिसमें राज्य और केंद्र अपना अपना हिस्सा देते हैं. दिल्ली में 30 अक्टूबर को प्रदर्शन करने को लेकर उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स को दिल्ली में कूच जरूर करना चाहिए, लेकिन यह कूच केंद्र सरकार को लेकर नहीं बल्कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार, पंजाब सरकार और हिमाचल सरकार के खिलाफ करना चाहिए और उनसे पूछना चाहिए कि हरियाणा सरकार आशा वर्कर्स को जितना मानदेय दे रही है, क्या वे भी हरियाणा सरकार के बराबर मानदेय देंगे?