Haryana News: किसानों को CM मनोहर लाल का बड़ा तोहफा, रोटावेटर और आलू बिजाई मशीन पर भी मिलेगी सब्सिडी
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Haryana News: किसानों को CM मनोहर लाल का बड़ा तोहफा, रोटावेटर और आलू बिजाई मशीन पर भी मिलेगी सब्सिडी

Haryana News: CM मनोहर लाल ने किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए रोटावेटर और आलू बिजाई की मशीन पर भी सब्सिडी देने का ऐलान किया. 7 दिन के अंदर दोनों मशीनें सब्सिडी योजना की लिस्ट में शामिल हो जाएंगी. 

Haryana News: किसानों को CM मनोहर लाल का बड़ा तोहफा, रोटावेटर और आलू बिजाई मशीन पर भी मिलेगी सब्सिडी

Haryana News: हरियाणा के CM मनोहर लाल ने आज किसानों के साथ 50वां संवाद किया. इस दौरान CM ने सरकार द्वारा किसानों के लिए किए गए कार्यों के बारे में बताया. वहीं CM मनोहर लाल ने किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए रोटावेटर और आलू बिजाई की मशीन पर भी सब्सिडी देने का ऐलान किया. 7 दिन के अंदर दोनों मशीनें सब्सिडी योजना की लिस्ट में शामिल हो जाएंगी. 

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए ये कार्य
CM मनोहर लाल ने कहा कि आज उन किसान भाइयों से संवाद जिनकी फसलें बाढ़ से प्रभावित हुई और उन्हें मुआवजा मिला. इनमें वे किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने फसल खराब होने के बाद दोबारा बिजाई कि उन्हें भी प्रति एकड़ 1 मुश्त 7 हजार रुपया का मुआवजा मिला. सरकार ने प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसल के लिए किसानों को दी जाने वाली मुआवजा राशि 10 हजार रुपये एकड़ से बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दी. अब तक किसानों को 11 हजार करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी गई, जिसमें पिछली सरकार की 269 करोड़ रुपया के बकाया राशि भी शामिल है. पिछली सरकार द्वारा 10 वर्षों में केवल 1,158 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया गया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त जारी की,उसके लाभार्थी भी आज हमारे साथ संवाद में जुड़े हैं. इस किस्त में प्रदेश के 8 लाख 70 हजार किसानों को 1,75 करोड़ रुपये मिले. इन्हें मिलाकर कुल 15 किस्तों में किसानों को लगभग 15 हजार करोड़ रुपये किए जा चुके हैं. 

पराली प्रबंधन में हरियाणा को आदर्श राज्य बनाकर गौरवान्वित करने वाले किसान भी आज के संवाद में जुड़े हैं. पिछले दिनों प्रदूषण के एक मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने भी पंजाब सरकार को कहा कि आपको हरियाणा से सीखना चाहिए. आप सभी किसान भाइयों को विशेष तौर पर बधाई जिनके प्रयासों से प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं कम हुईं. 

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हरियाणा सरकार खेत में बीज बोने से लेकर मंडी में फसल की बिक्री तक हर कदम पर किसानों का साथ दिया है. इसी साल जुलाई माह में बाढ़ के कारण 12 जिलों के 1,469 गांव और 4 शहर प्रभावित हुए. प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान के सत्यापन और प्रभावित लोगों को मुआवजे के वितरण की प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया गया. इसके माध्यम से जुलाई 2023 के बाद प्रभावित लोगों को 112 करोड़ 21 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया. इसमें खराब फसल के लिए 34,511 किसानों को 97 करोड़ 93 लाख की राशि प्रदान की गई.  इनमें 49 हजार एकड़ का वह क्षेत्र भी शामिल है, जिसकी पुन: बिजाई कर दी गई थी.

हमारे किसानों के प्रयासों से प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं 36 फीसदी तक कम हुईं. ICAR की 22 नवंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में पराली जलाने के 2 हजार के करीब मामले सामने आए, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब में 36,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. सरकार ने प्रणाली के प्रबंधन के लिए विकल्प तैयार करते हुए पूरे देश में अनूठी पहल  शुरू की है. अतिसंवेदनशील गांव की श्रेणी से निकलकर शून्य फसल अवशेष जलाने की श्रेणी में आने वाली पंचायतों को 1 लाख रुपया ,संवेदनशील गांव की श्रेणी से निकलकर शून्य फसल अवशेष जलाने की श्रेणी में आने वाली पंचायतों को 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाता है. 

हरियाणा सरकार द्वारा पानी को बचाने के लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना चलाई. इसके तहत धान क्षेत्र के अन्य फसलों के विविधिकरण के लिए 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाता है. अब तक 118 करोड़ रुपया की वित्तीय सहायता किसानों को दी गई है. वर्ष 2018 से अब तक प्रदेश में फसल अवशेष जलाने से प्रदूषण रोकने के लिए 6794 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए. किसानों को 80 हजार से अधिक फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण उपलब्ध कराए गए. इन उपकरणों पर कस्टम हायरिंग सेंटर पर 50 फीसदी और किसानों को 80 फीसदी तक का अनुदान दिया जाता है.

राज्य के किसानों को अब तक 685 करोड़ रुपया की सब्सिडी दी गई है. चालू वित् वर्ष में अब तक 6,130 मशीनें किसानों द्वारा अनुदान पर खरीदी गईं. अब तक 1 लाख 42 हजार किसानों ने 13 लाख एकड़ धान क्षेत्र को प्रतिबंधित करने का पंजीकरण कराया. प्रदेश में 2 लाख 50 हजार एकड़ भूमि में फसल अवशेष और पूसा डी कंपोजर किट किसानों को नि शुल्क उपलब्ध कराई गईं. हमनें खेतों की पराली का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया. कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद और जींद में बायोमॉस परियोजना लगाई गई, जिनसे 30 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. 

पराली का उपयोग जैव ईधन बनाने में भी किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त 2022 को पानीपत रिफाइनरी में 2G एथनॉल प्लांट का लोकार्पण किया. 2G के बाद अब 3G प्लांट भी पानीपत रिफाइनरी में लगाया गया है, जो दुनिया का पहला रिफाइनरी ऑफ गैस आधारित से 3जी एथनॉल प्लांट है.

2जी एथनॉल प्लांट में प्रणाली की खपत सुनिश्चित करने के लिए 1 हजार रुपया प्रति एकड़ की दर से अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाता है. गौशाला में भी पराली की खपत को सुनिश्चित करने के लिए 500 रुपया प्रति एकड़ की दर अधिकतम 15 हजार रुपया प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है. 

Input- Vijay Rana