Covid-19 Vaccine Effect: देशभर में इन दिनों कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है. वहीं राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. कई ऐसे लोग भी हैं जो कोविड वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या सच में वैक्सीन संक्रमण को रोकने में कारगर है?


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कोरोना महामारी के फैलने के बाद से ही दुनियाभर में इसे लेकर कई अलग-अलग रिसर्च की जा रही हैं. हाल ही में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक रिसर्च सामने आई है, जिसके अनुसार प्रदूषण की वजह से लोगों पर वैक्सीन का असर कम हो गया है.  


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बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की स्टडी में इस बात का दावा किया गया कि वैक्सीन के बाद शरीर में जो एंटीबॉडी बनी थी उस पर प्रदूषण का निगेटिव इफेक्ट पड़ रहा है. यही वजह की कोरोना वैक्सीन का पहला, दूसरा और बूस्टर डोज लेने के बाद भी लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं.  


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बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की रिसर्च में इस बात का भी दावा किया गया है कि 'पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और ब्लैक कार्बन की चपेट में आने वाले लोगों में IGM और IGG एंटीबॉडी रिस्पांस में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई'. साथ ही 40 से 65 साल की उम्र के 927 लोगों के डेटा पर की गई रिसर्च में ये बात सामने आई कि जो लोग कोरोना महामारी के पहले ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों पर रहे उन लोगों में वैक्सीन के प्रति एंटीबॉडी रिस्पांस कम था.


प्रदूषण इन गंभीर बीमारियों की वजह
हवा में मौजूद ओजोन, धूल,  नाइट्रोजन ऑक्साइड, ल्फर ऑक्साइड किसी भी इंसान के लिए बेहद खतरनाक होते हैं. ये हवा के साथ शरीर में प्रवेश करते हैं, जिसकी वजह से आंखों में जलन, सिरदर्द, बेचैनी और सांस लेने में परेशानी होती है. ज्यादा समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, स्किन एलर्जी, हार्ट अटैक और लंग कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है. 


कोरोना इन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक
पिछले कुछ दिनों में कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले लोग पहले से किसी न किसी गंभीर बीमारी का शिकार थे. सांस के मरीज, अस्थमा, डायबिटीज, दिल के मरीजों को कोरोना ज्यादा जल्दी अपनी चपेट में लेता है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.