नीरज शर्मा/ नई दिल्ली: बवाना में 7 महीने की गर्भवती महिला को उसके पति और ससुराल वालों ने पेट्रोल डालकर जलाने का मामला सामने आया था. जिसपर डीसीडब्ल्यू की चीफ स्वाति मालिवाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया था, लेकिन ये मामला कुछ अलग ही रूख लेता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल महिला ने बयान में यह बताया कि वह अलाव के पास बैठी थी, इस वजह से वह जल गई. 


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क्या है पूरा मामला?
बीती 6 जनवरी को थाना बवाना में सुबह करीबन दस बजे एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुआ और बवाना सेक्टर 2 डी-133 में कॉल करने वाले ने बताया कि उसकी बहन को ससुराल वालों ने जला दिया, जिसे बीएसए अस्पताल लेकर गए हैं. सूचना मिलते ही थाना बवाना के कर्मचारी बीएसए अस्पताल पहुंचे. जहां घायल खुशबू पत्नी वीर प्रताप निवासी डी-133 सेक्टर 2 बवाना का इलाज चल रहा था, लेकिन वही जब पुलिस ने पीड़िता से स्टेटमैनट ली तो उसने अलग ही कहानी बताई. जिसके बाद यह केस उलझ गया.


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अलाव के पास बैठी थी, थिनर ड़ालने से जल गई- पीड़िता
पीड़िता खुशबू ने बताया कि ठंड के कारण वह अपने पति और एक अन्य लड़के के साथ अलाव के पास बैठी थी. अलाव बुझने वाला था, इसलिए लड़के ने आग की लपटों को बढ़ाने के लिए थिनर को आग में फेंका. आग की लपटें अचानक तेज हो गई और वह झुलस गई. 


सफदरजंग अस्पताल किया गया रेफर
महिला को बवाना के अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया. वह 7 माह की गर्भवती है और उसके पति वीर प्रताप के भी दोनों पैर और बायां हाथ जल गया. उनका भी सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है.


पीड़िता के बयान के विपरीत उसके भाई ने लगाया आरोप 
वही पीड़िता खुशबू के बयान के विपरीत उसके भाई संदीप ने आरोप लगाया कि ससुराल वालें उसे प्रताड़ित कर रहे थे और आज उसे जला दिया गया. घायल खुशबू ने अगस्त 2022 में वीर प्रताप से शादी की थी. 17 साल से कम उम्र की विवाहिता के खिलाफ ससुराल पक्ष द्वारा लगाए गए अपराध का आरोप होने के कारण यह मामला उसी दिन एसडीएम नरेला के संज्ञान में लाया गया था. आज तहसीलदार ने उनके बयान लिए। उन बयानों की आधिकारिक प्रति अभी प्राप्त नहीं हुई है.