Delhi Water Crisis: दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार, पलायन करने को मजबूर हो रहे लोग
Delhi Water Crisis: साउथ दिल्ली के अंबेडकर नगर विधानसभा में आने वाले कृष्णा नगर कॉलोनी के लोग काफी समय से पानी की किल्लत से परेशान हैं. कुछ लोग तो मजबूरी में अपना घर छोड़कर कहीं और बसना चाहते हैं.
Delhi Water Crisis: पानी इंसान की मूलभूत जरूरतों में से एक है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. गर्मी में मौसम में पानी की जरूरत और ज्यादा बढ़ जाती है. वहीं दूसरी ओर कई जगहों पर पानी की किल्लत भी देखने को मिलती है. इन दिनों राजधानी दिल्ली के भी कई इलाकों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हो रहे हैं. हालात ये हैं कि अब लोग पानी की वजह से अपना घर बेंचकर कहीं और जाना चाहते हैं.
साहब पानी नहीं आ रहा है, काफी समय से हम पानी की किल्लत से परेशान हैं. बिना पानी कैसे जिएं? बच्चे कहते हैं घर बेचकर चलो, घर बेचने के लिए सोचते हैं तो रेट कम मिल रहा है. मकान बिकता नहीं है, क्योंकि घर खरीदने वाले लोगों को भी पता है कि यहां पानी की समस्या है. ये लाइनें हैं साउथ दिल्ली के अंबेडकर नगर विधानसभा में आने वाले कृष्णा नगर कॉलोनी की. यहां रहने वाले लोग काफी समय से पानी की किल्लत से परेशान हैं. लोगों का कहना है कि कई बार जिम्मेदार लोगों से गुहार लगाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.
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यहां के राधा कृष्ण मंदिर के पीछे लाइन वाली गली में पानी की सबसे ज्यादा समस्या है. गर्मी में तो परेशानी इतना बढ़ जाती है कि रात-रात भर पानी के इंतजार में जगना पड़ता है. आसपास के लोग जब लोग मोटर चलाना बंद कर देते हैं, तब इश गी में थोड़ा बहुत पानी आता है. यहां रहने वाले राम सुरेश चौबे ने बताया कि बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सब पानी के इंतजार में दिन-रात बैठे रहते हैं, लेकिन फिर भी पानी मिलने की कोई गारंटी नहीं है.
दरअसल, इस गली की लाइन ऊपर है, आसपास की कुछ गलियों में पानी आता है. लेकिन इस गली में पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है, चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या बारिश. वहीं गर्मी के मौसम में परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है. यहां रहने वाली गीता बताती हैं कि रातभर इंतजार करने के बाद भी दो बाल्टी पानी मुश्किल से मिलता है, लेकिन गर्मी में वो भी इस्तेमाल की लिए नहीं होता. जल बोर्ड द्वारा भी यहां पानी के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. 2 हजार रुपये देकर हमें टैंकर मंगाना पड़ता है वो भी कभी आता है और कभी नहीं आता.
Input- Mukesh Singh