दिल्ली में एशिया का सबसे बड़ा WWTP 30 जून को होगा चालू, सीवर का पानी फिर से कर सकेंगे यूज
Okhla WWTP: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि प्लांट के ट्रीटेड वाटर को दोबारा काम में लाने के लिए आर्टिफिशियल झीलें बनाई जाएंगी. उन्होंने लोगों को वह तरीका भी बताया, जिससे इस पानी को पीने योग्य बनाया जा सकेगा.
नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने मंगलवार को यमुना एक्शन प्लान- 3 के अंतर्गत विकसित किए जा रहे ओखला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ( WWTP) का निरीक्षण किया. इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. दिल्ली जल बोर्ड इस परियोजना के अंतर्गत ओखला WWTP के 4 फेज को अपग्रेड कर रहा है.
सोमनाथ भारती ने बताया कि ओखला WWTP के रिहैबिलिटेशन और अपग्रेडेशन का काम लगभग पूरा होने वाला है. उन्होंने कहा कि 30 जून तक ओखला WWTP चालू हो जाएगा. सोमनाथ भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिशा-निर्देश में यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए ओखला में एशिया के सबसे बड़े और दुनिया के चौथे सबसे बड़े WWTP का निर्माण किया जा रहा है. ओखला WWTP के जिन 4 फेज का रिहैबिलिटेशन और अपग्रेडेशन किया जा रहा है, उनकी क्षमता रोजाना 564 एमएलडी यानी 56 करोड़ 40 लाख लीटर सीवेज को शोधित करने की है.
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सोमनाथ भारती ने कहा कि इस WWTP के चालू होने से यमुना के प्रदूषण में बहुत बड़ी गिरावट आने की उम्मीद है और यह यमुना को स्वच्छ बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संकल्प को सच बनाने का सबसे बड़ा सबूत है.
एशिया के सबसे बड़े WWTP का 88 % काम पूरा
डीजेबी उपाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यमुना को स्वच्छ बनाने के वादे को पूरा करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड लगातार अग्रसर है. ओखला WWTP का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और इस प्लांट का 88 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है. 30 जून तक ओखला WWTP तैयार हो जाएगा और काम करना शुरू कर देगा.
उन्होंने बताया कि ओखला WWTP में सीवरेज के गंदे पानी को यमुना में गिरने से पहले इतना साफ कर दिया जाएगा कि प्लांट के शोधित पानी का इस्तेमाल नहाने में भी किया जा सकेगा. ओखला WWTP के रिहैबिलिटेशन और अपग्रेडेशन का काम 19 जून 2019 को शुरू किया गया था. इस परियोजना की कुल लागत 1,161.17 करोड़ रुपये है. ओखला WWTP में दक्षिण दिल्ली, एनडीएमसी क्षेत्र और दिल्ली के एक बड़े हिस्से का सीवेज शोधित किया जाएगा. इस परियोजना से लगभग 40 लाख लोगों को लाभ मिलने का अनुमान है. सोमनाथ भारती ने कहा कि यमुना के साथ हमारी आस्था जुड़ी हुई है और हम सब चाहते हैं कि दिल्ली के पर्यावरण, सुंदरीकरण और हमारी आस्था के लिए महत्वपूर्ण यमुना जल्द से जल्द स्वच्छ बने.
वाटर ट्रीटमेंट के लिए UV तकनीक होगी इस्तेमाल
सोमनाथ भारती ने कहा कि ओखला WWTP में सीवेज के पानी को साफ करने के लिए दिल्ली में पहली बार किसी WWTP में UV तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तकनीक का इस्तेमाल आमतौर से आरओ प्लांट में पानी को पीने योग्य बनाने के लिए किया जाता हैं. ओखला WWTP के डिजाइन में भी बदलाव कर अलग तरह के डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है. प्लांट के प्राइमरी सेडीमेंटेशन यूनिट के टैक को गोलाकार की जगह रैक्टेंगल शेप में डिजाइन किया गया है. साथ ही प्लांट के इस हिस्से में लामिला फिल्टर का प्रयोग किया गया है. इस बदलाव की वजह से सीवर के गंदे पानी को ट्रीट करने में लगने वाला समय घटकर आधा रह जाएगा और साथ ही इस यूनिट को काफी कम जगह में तैयार कर लिया गया है.
ओखला WWTP में बनेंगी आर्टिफिशल झीलें
सोमनाथ भारती ने कहा कि प्लांट के ट्रीटेड/ शोधित पानी का दोबारा इस्तेमाल करने के लिए यहां दिल्ली जल बोर्ड आर्टिफिशियल झीलों का निर्माण करेगा। आर्टिफिशियल झीलों में ओखला प्लांट्स का 15 -20 एमजीडी शोधित पानी भरा जाएगा. आर्टिफिशियल झीलों के निर्माण से आसपास के क्षेत्रों का जलस्तर ऊपर आएगा। ट्यूबवेल्स लगाकर जमीन से पानी निकाला जाएगा और फिर उस पानी को आरओ प्लांट्स लगाकर सिस्टम में वापस लाया जाएगा. इस तरह यमुना को साफ करने के साथ ही दिल्लीवासियों को पर्याप्त पीने का शुद्ध पानी मिल पाएगा.