Delhi News: दिल्ली के संगम विहार को 3 दिसंबर को हुई लूट के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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Delhi News: बीते 3 दिसंबर को दिल्ली के संगम विहार थाना इलाके में दिनदहाड़े हुई लूट का दिल्ली पुलिस एटीएस ने खुलासा किया है. मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान कलीम अख्तर उर्फ डैन, शादाब उर्फ पुइय्या, मोहम्मद ओवेश उर्फ काला, मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद सिजान उर्फ लंबू के रूप में हुई है. ये सभी यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं.
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मामले के बारे में जानकारी देते हुए DSP चंदन चौधरी ने बताया कि एक शिकायतकर्ता ने संगम विहार थाने की पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 3 दिसंबर की शाम 4 बजे जब घर में वे और उनकी मां दो लोग मौजूद थे, तभी चेहरा ढंके 4 अज्ञात लोग जबरन उनके घर मे घुस गए. उनमें से दो आरोपियों ने हथियार निकाल कर उनके ऊपर तान दी और पूरे घर की तलाशी कर कीमती हीरे और सोने के आभूषणों को लूट लिया. यहां तक कि उन्होंने उनकी मां के पहने गहनों को भी उतरवा लिया. लूट के बाद वे सभी मौके से फरार हो गए. शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर संगम विहार थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन अभिनेन्द्र की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में एसआई दीपक महला, अमित कुमार, एएसआई अनिल कुमार, देशराज एवं अन्य की टीम का गठन कर आरोपियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ के लिए लगाया गया था. पुलिस ने तकरीबन 10 किलोमीटर इलाके के 100 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेजों को खंगाला, जिसकी जांच में पुलिस को पता चला कि चारों लूटेरों के अलावा चेहरा ढंका इनका एक साथी घर के बाहर खड़ा हो कर इनके लौटने का इंतजार कर रहा था और उसने ही उन्हें इशारे से घर को दिखाया था.
दिल्ली पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई और वे एक आरोपी की पहचान, कलीम अख्तर उर्फ डैन के रूप में करने में कामयाब हुए. सर्विलांस और तकनीकी विश्लेषण से पुलिस को उसका लोकेशन मेरठ, यूपी पता चला. जिस पर छापेमारी कर पुलिस ने उसे दबोच लिया.
पूछताछ के दौरान आरोपी कलीम अख्तर उर्फ डैन ने बताया कि वह शिकायतकर्ता के किरायेदार नईम के दूर का रिश्तेदार (भतीजा) है. वह अक्सर उनके घर आया करता था और उसे उनकी हैसियत का भी अंदाजा था. उसकी जानकारी के अनुसार घर मे हमेशा ही 10 से 12 लाख रुपये कैश मौजूद रहते हैं, क्योंकि शिकायतकर्ता एक कॉन्ट्रेक्टर था. उसने इस जानकारी को अपने साथियों के साथ साझा किया और लूट की साजिश रची.