दिल्ली सरकार के मुफ्त भोजन योजना को हाईकोर्ट का मिला समर्थन, जारी रखने के दिए निर्देश
Delhi Government: लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूर को लिए अरविंद केजरीवाल ने पहल करते हुए तत्काल राहत पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार के रैन बसेरों में रहने वाले बेघर लोगों को मुफ्त भोजन वितरित करने का निर्णय लिया था. इस दौरान बेघर लोगों को मुफ्त में भोजन दिया जाता था.
Delhi Government: दिल्ली सरकार द्वारा मुफ्त भोजन परियोजना के तहत रैन बसेरों में दिए जा रहे भोजन का दिल्ली हाईकोर्ट ने समर्थन किया है. हाईकोर्ट ने मुफ्त भोजन परियोजना को पूरी दिल्ली में जारी रखने का निर्देश दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने रैन बसेरों में मुफ्त भोजना बंद करने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए बेघरों के कल्याण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. दिल्ली सरकार की स्टैंडिंग काउंसिल ने हाईकोर्ट की पीठ के समक्ष स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार रैन बसेरों में मुफ्त भोजन देना चाहती है. इस पर कोर्ट ने सहमति व्यक्त की कि यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि हर व्यक्ति को भोजन मिले.
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के चलते राजधानी में कई बार लॉकडाउन लगाया गया था. ऐसे में राजधानी में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए थे और भूखे रहने को मजबूर थे. इसे गंभीरता से लेते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहल करते हुए तत्काल राहत पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार के रैन बसेरों में रहने वाले बेघर लोगों को मुफ्त भोजन वितरित करने का निर्णय लिया. दिल्ली सरकार के तहत दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डिसुब) के विभिन्न आश्रयों में रहने वाले सभी बेघर लोगों को एक गैर सरकारी संगठन अक्षय पात्रा फाउंडेशन द्वारा मुफ्त में भोजन दिया जाता था.
दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना को जनता की ओर से काफी सराहना मिली और इसे विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और सिविल सोसायटी ग्रुप का भी समर्थन मिला है. क्योंकि अक्षय पात्रा एक बहुत ही प्रतिष्ठित संगठन है, जिसे कई अन्य राज्यों में कॉन्ट्रेक्ट्स मिले हैं. ऐसे में मुफ्त भोजन की आपूर्ति का कॉन्ट्रेक्ट नामांकन के आधार पर अक्षय पात्र को दिया गया था. अक्षय पात्र अपनी चैरिटी से जुड़ी गतिविधियों के लिए जाना जाता है. दिल्ली के वित्त विभाग के कुछ अधिकारी कई महीनों से अक्षय पात्रा का भुगतान रोक कर रखे थे और अक्षय पात्रा को भुगतान जारी नहीं किया जा रहा था.
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बता दें कि वित्त विभाग ने इससे पहले आम आदमी मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों की तनख्वाह और बुजुर्गों की पेंशन भी रोक दी थी. दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति द्वारा वित्त विभाग के अधिकारी दोषी पाए गए थे और मुख्य सचिव से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था. दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार की स्टैंडिंग काउंसिल ने बताया कि राज्य सरकार अपने रैन बसेरों में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराना चाहती है, लेकिन दिल्ली के वित्त विभाग के कुछ अधिकारी इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं. हाईकोर्ट ने भी सहमति जताई कि रैन बसेरों में मुफ्त भोजन सेवा जारी रखी जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अक्षय पात्रा के साथ कॉन्ट्रेक्ट जारी रखने पर सहमति जताया.
हालांकि, स्टैंडिंग काउंसिल ने रैन बसेरों में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार और सीएम अरविंद केजरीवाल की मंशा के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी दी, लेकिन डिसुब के एक निदेशक ने हाईकोर्ट में इसके विपरीत रुख अपनाया. विपरीत रुख अपनाने पर अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
(इनपुटः बलराम पांडेय)