Delhi News: दिल्ली सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा उत्तर-पूर्वी भारत की संस्कृति से जुड़ा दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन उत्तर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र संस्थान के सहयोग से सेंट्रल पार्क, कनॉट प्लेस में 16-17 दिसंबर 2023 को आयोजित किया गया. इस महोत्सव में सभी पूर्वोत्तर राज्यों के पारंपरिक संगीत और नृत्य रूपों का प्रदर्शन किया गया, जो दिल्ली के निवासियों के लिए एक दुर्लभ उपहार है. लोक विधाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ हर दिन के कार्यक्रम का समापन आधुनिक रॉक एवं फ्यूजन बैंड के साथ किया गया. 


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भारत का उत्तर-पूर्व क्षेत्र, भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में सुंदरता और विशिष्टता को जोड़ता है. जब संगीत की बात आती है तो पूर्वोत्तर में प्रतिभा की कोई कमी नजर नहीं आती है. इस कार्यक्रम के माध्यम से दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि दिल्ली की विविध आबादी, सहयोगी राज्यों की अविश्वसनीय संस्कृति से सीखने और उसकी सराहना करने के लिए एक साथ आए.


जैसा कि अपेक्षित था दिल्ली के लोगों ने बड़ी संख्या में उत्सव में भाग लिया और उन प्रस्तुतियों का आनंद लिया जो समान्य तौर पर दिल्ली में देखने को नहीं मिलती है और वो भी मुफ्त में.
दिल्ली सरकार कला और संस्कृति के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. ऐसे संस्कृतिक कार्यक्रम परस्पर अलग अलग राज्यों की संस्कृति के बीच जुड़ाव और एकीकरण का एक शानदार तरीका है, राजधानी दिल्ली शहर में खासकर.


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युवाओं तक पहुंचेगी भारत की कला एवं संस्कृति
कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमें बेहद खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने आज उत्तर पूर्वी भारत में रहने वाले हमारे भाइयों के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया है. उन्होंने कहा कि प्रोग्राम में आकर बेहद खुशी हुई है कि उत्तर पूर्वी भारत से हमारे सैकड़ो भाई बहन इस कार्यक्रम को देखने आए हैं. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली सरकार द्वारा किया जाए. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि अगली बार और अधिक लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए आए.


दिल्ली के आर्थिक विकास में उत्तर पूर्वी भारतीयों का भी योगदान
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था में उत्तर पूर्वी भारत के रहने वाले हमारे भाइयों का बहुत बड़ा योगदान है. आज दिल्ली के अलग-अलग कार्य क्षेत्र में उत्तर पूर्वी भारत से आने वाले हमारे भाई-बहन अपना योगदान दे रहे हैं. आज उत्तर पूर्वी भारत से आने वाले सैकड़ो लोग दिल्ली में स्वास्थ्य जगत में, पर्यटन उद्योग जगत में तथा इसी प्रकार से अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं और दिल्ली की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है की उत्तर भारत से आए हमारे साथी जो दिल्ली की अर्थव्यवस्था को आगे की दिशा ले जाने में अपना योगदान दे रहे हैं, उसे पहचाना जाए और उसकी सराहना की जाए.


संस्कृति को समझने से दूर होती हैं भ्रांतियां
कार्यक्रम में आए लोगों को एक भरोसा दिलाते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अक्सर हमारे उत्तर भारतीय साथियों से एक शिकायत सुनने को मिलती है कि दिल्ली के लोग उनका सम्मान नहीं करते उनके साथ गलत व्यवहार किया जाता है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से दिल्ली कि केजरीवाल सरकार की यह कोशिश है कि उत्तर भारत से आने वाले हमारे साथियों को सम्मान दिया जा सके. साथ ही साथ इस कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर भारत की संस्कृति को दिल्ली और देश के लोगों तक पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा क्योंकि जब आप किसी संस्कृति के बारे में पढ़ते हैं, देखते हैं, उसे जानते हैं तो उससे जुड़ी बहुत सारी भ्रांतियां दूर होती हैं और आपसी सद्भाव और प्रेम को बढ़ावा मिलता है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारी कोशिश है कि न केवल दिल्ली बल्कि देश के सभी राज्यों के लोग उत्तर भारत की कला और संस्कृति को समझें.


पर्यटन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली सरकार की यह कोशिश है कि देश के अलग-अलग राज्यों की कला और संस्कृति को पूरे देश के सामने प्रस्तुत किया जाए, जिससे कि अलग-अलग राज्यों में रहने वाले लोग एक दूसरे की कला संस्कृति को समझें, इसका सम्मान करें और आपसी सौहार्द लोगों के बीच में बढ़े. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में दिल्ली सरकार इसी प्रकार के और भी अलग-अलग संस्कृति और अलग-अलग राज्यों से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में करने जा रही है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से हमारी कोशिश है कि भारत की कला एवं संस्कृति को देश की युवा पीढ़ी तक पहुंचाएं, जिससे कि हमारी युवा पीढ़ी हमारे देश की संस्कृति को और आगे लेकर जाए.